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    मोबाइल बैटरी से जुड़े इन Myths और उनकी सच्चाई को जरूर जान लें

    By Sakshi PandyaEdited By:
    Updated: Wed, 14 Feb 2018 07:43 AM (IST)

    मोबाइल की बैटरी जितनी जरुरी है, उतना ही जरुरी है इससे जुडी अफवाहों की सच्चाई जानना, पढ़ें विस्तार से

    मोबाइल बैटरी से जुड़े इन Myths और उनकी सच्चाई को जरूर जान लें

    नई दिल्ली(टेक डेस्क)। बदलते दौर के साथ मोबाइल ने भी कई परिवर्तन देखे हैं। शुरुआती दौर में वॉइस कॉलिंग तक सीमित रहे मोबाइल में अब हमारी जरूरतों के कई एपशामिल हो चुके हैं। इससे हमारी जिंदगी पहले की तुलना में बेहद आसान हो गई है। जब भी हम मोबाइल खरीदने की सोचते हैं तो उसके फीचर्स पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ताकी हम मोबाइल के जरिए अपडेट रहें।

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    मोबाइल में बैटरी से जुड़ी हुई कुछ बातें या अफवाहों पर भी कुछ ज्यादा ही ध्यान जाता है, तो आज हम बात करेंगे मोबाइल बैटरी से जुड़े मिथकों के बारे में, जिनका हकीकत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।

    सबसे पहला मिथ है कि मोबाइल की बैटरी को रातभर चार्ज नहीं करना चाहिए, इससे मोबाइल के खराब होने का अंदेशा जताया जाता है, लेकिन आजकल स्मार्टफोन में इनबिल्ट सर्किट होता है, जिससे किसी तरह के नुकसान का सवाल ही पैदा नहीं होता।

    दूसरा मिथ यह है कि चार्जिंग के दौरान मोबाइल के उपयोग करने से ब्लास्ट हो सकता है, लेकिन इस बात में भी सच्चाई नहीं है। वास्तविकता यह है कि चार्जिंग के दौरान मोबाइल के हार्डवेअर या सॉफ्टवेअर में समस्या हो सकती है, लेकिन ब्लास्ट होने वाली बात पूरी तरह निराधार है।

    यह भी कहा जाता है कि मोबाइल में ज्यादा एप्स डाइनलोड करने से बैटरी जल्दी खत्म होती है, लेकिन यह भी सिर्फ कही-सुनी बात है। एपके इंस्टाल करने का बैटरी के डिस्चार्ज से कोई संबंध नहीं है, बशर्ते आप अपने मोबाइल के एप्स को बार-बार नहीं खोलें।

    4G नेटवर्क को भी ज्यादा बैटरी खपाने का जिम्मेदार माना जाता है और कहा जाता है कि फास्ट नेटवर्क की वजह से बैटरी की खपत ज्यादा होती है, जबकि हकीकत में नेटवर्क की क्वालिटी बेहतर न होने पर बैटरी डिस्चार्ज की समस्या होती है।

    मोबाइल को लैपटॉप से चार्ज करने की मनाही की जाती है, लेकिन मोबाइल को लैपटॉप से चार्ज करने पर मोबाइल और लैपटॉप दोनो को कोई नुकसान नहीं होता है। हां, चार्जिंग की स्पीड जरूर कुछ कम होती है।