गूगल सर्च में आना है टॉप पर, तो अपनाएं ये तरीकें
गूगल सर्च के टॉप पर आना चाहते हैं तो इन तरीकों को अपनाएं
नई दिल्ली (जेएनएन)। गूगल के सर्च बार में आपने कई खबरों, कंपनियों या वेबसाइट्स को टॉप पर आते देखा होगा। अगर आप गूगल में किसी कीवर्ड्स से किसी जानकारी को सर्च कर रहे हैं तो आपको कई विकल्प दिखाई देते होंगे। गूगल रैंकिंग में टॉप पर आने के लिए कंपनियां कई तरह के तरीके अपनाती है, लेकिन फिर भी उन्हें रिजल्ट नहीं मिलता। आपको बता दें कि गूगल रैंकिंग प्रोसेस को एल्गोरिदम कहा जाता है जिसकी मदद से गूगल किसी खबर, वेबसाइट को पेज के पहले नंबर पर लाता है। तो अगर आप भी गूगल सर्च के टॉप पर आना चाहते हैं तो हम यहां आपको इससे जुड़ी कुछ खास जानकारी दे रहे हैं।
गूगल में किस तरह मिलती है रैंकिंग
गूगल ने हाल ही में अपने एल्गोरिदम प्रोसेस में कुछ बदलाव किए हैं। इसी के तहत गूगल उन्हीं खबरों, वेबसाइट या चीजों को टॉप पर दिखाता है जिसे सबसे ज्यादा पढ़ा या सर्च किया गया हो। यानी कि आपकी खबर को जितने ज्यादा लोगों ने देखा होगा या शेयर किया होगा वह उतनी ही रैकिंग में ऊपर होगा। इसके चीजों के अलावा भी आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिससे कि आपका कंटेंट रैंकिंग में ऊपर आ सके।
क्लिक
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि गूगल उन्हीं कंटेंट को पहली रैंकिंग में रखता है जिसे सबसे ज्यादा सर्च किया होगा। ठीक उसी तरह आपके कंटेंट या वेबसाइट पर आए क्लिक के आधार पर गूगल आपकी रैकिंग निश्चित करता है। यानी कि आपके कंटेंट को जितने ज्यादा क्लिक मिलेंगे आप गूगल रैंकिंग में उतनी ही टॉप पर होंगे। वही, किसी वेबसाइट की क्लिक कम होने पर वो गूगल पेज के दूसरे या तीसरे पेज पर पहुंच जाती है।
बाउंस रेट
गूगल के नए एल्गोरिथम के तहत आपकी बाउंस रेट ज्यादा होने पर भी आपकी रैंकिंग में कमी आती है। बता दे कि आपके कंटेंट में ज्यादा बाउंस रेट होने का मतलब यह है कि आपके द्वारा दी गई जानकारी से यूजर्स खुश नहीं है या वह पढ़ने योग्य नहीं है। इससे आपके पहले पेज पर आने के चांस घट जाते हैं।
एवरेज टाइम
यूजर्स आपके कंटेंट पर कितने टाइम तक रहा ये भी गूगल रैंकिंग के लिए मायने रखता है। यूजर आपके कंटेंट पर क्लिक करने के बाद कितनी देर टिका रहेगा इस आधार पर गूगल आपकी रैंकिंग तय करता है।
ट्रैफिक सोर्स
गूगल में यूजर्स आपके कंटेंट में किस सोर्स के जरिए पहुंचता है यह भी रैंकिंग में मायने रखता है। अगर यूजर्स आपके कंटेंट में सोशल मीडिया, डायरेक्ट या गूगल सर्च के जरिए पहुंचता है तो गूगल आपकी रैंकिंग को ऊपर ले जाता है। वहीं, अगर आपका ट्रैफिक सोर्स कम है तो आपकी वेबसाइट गूगल सर्च में सबसे पीछे पहुंच सकती है।
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