Tech Explained: कैसे केवल एक चेन खींचने से रुक जाती है इतनी बड़ी ट्रेन, इसके पीछे क्या है टेक्नोलॉजी?
Indian Railway में यात्रा करते हुए आपने कई बार आपातकालीन चेन को जरूर देखा होगा। आपमें से कई ऐसे भी होंगे जिन्होंने इस चेन को खींचा भी होगी। इस एमरजेंसी चेन को खींचने से ट्रेन रुक जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि केवल एक चेन खींचने पर ट्रेन कैसे रुक जाती है। इसके पीछे क्या टेक्नोलॉजी काम करती है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian Railays) में आपने हर कोच में लटकती लाल आपातकालीन चेन को जरूर देखा होगा। ये चेन सिर्फ एक रस्सी नहीं होती। बल्कि, ये एक सेफ्टी सिस्टम का हिस्सा होता है। इसे खींचे जाने पर ये ट्रेन को रोक देती है। लेकिन, आपने कभी ये सोचा है कि इसके पीछे क्या टेक्नोलॉजी है। ये वास्तव में कैसे काम करता है? आइए आपको समझाते हैं कि आखिर ये होता कैसे है?
आपातकालीन चेन एक मैकेनिकल सिस्टम से जुड़ी होती है, जिसे अलार्म चेन पुलिंग (ACP) सिस्टम कहते हैं। चेन खींचने पर ये ब्रेक सिस्टम से जुड़े एक वॉल्व को एक्टिवेट करता है, खास तौर पर से ब्रेक पाइप को। भारतीय ट्रेनें ज्यादातर एयर ब्रेक सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं, जिसमें पूरी ट्रेन के साथ एक पाइप में कंप्रेस्ड हवा चलती है। ये हवा का दबाव ब्रेक्स को खुला रखता है। जब दबाव कम होता है, तो ब्रेक्स अपने आप लग जाते हैं।
चेन खींचने के बाद क्या होता है?
चेन खींची जाती है
कोई चेन खींचता है, तो एक छोटा वॉल्व खुलता है, जो ब्रेक पाइप से कंप्रेस्ड एयर को बाहर निकाल देता है।
हवा का दबाव कम होता है
हवा का दबाव कम होने से सिस्टम को लगता है कि कुछ गड़बड़ है। शायद कोई लीक हुई है या एमरजेंसी है।
ब्रेक्स अपने आप लगते हैं
दबाव कम होने के कारण सभी कोचों के ब्रेक्स अपने आप लग जाते हैं। ट्रेन धीमी होकर रुक जाती है।
ड्राइवर को अलर्ट मिलता है
नई ट्रेनों में एक सिग्नल लोको पायलट (ड्राइवर) को कंट्रोल पैनल पर अलार्म या लाइट के जरिए मिलता है, जो बताता है कि चेन खींची गई है और किस कोच में खींची गई है।
आगे क्या होता है?
ट्रेन रुकने पर गार्ड या ट्रेन स्टाफ उस कोच तक जाते हैं, जहां चेन खींची गई है। अगर बिना वैध कारण (जैसे मजाक या निजी देरी के लिए) के चेन खींची गई हो, तो रेलवे नियमों के तहत व्यक्ति पर जुर्माना या जेल हो सकती है।
आधुनिक अपग्रेड्स
भारतीय रेलवे चेन पुलिंग की निगरानी और दुरुपयोग कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक अलार्म सिस्टम और CCTV के साथ ट्रेनों को अपग्रेड कर रहा है। कुछ ट्रेनों में ब्रेक सिलेंडर्स में सेंसर्स भी हैं, जो चेन खींचने की सटीक लोकेशन रिकॉर्ड करते हैं।
बॉटम लाइन
कुलमिलाकर आप समझ सकते हैं। चेन खींचने पर किस तरह की टेक्नोलॉजी काम करती है। आप यहां ये भी समझ सकते हैं कि चेन खींचना सिर्फ एक लटकती रस्सी खींचना नहीं है। ये एक गंभीर कदम है, जो पूरी ट्रेन के एयर ब्रेक सिस्टम को प्रभावित करता है। ये साधारण दिखने वाली चेन वास्तव में एक स्मार्ट सुरक्षा सिस्टम से जुड़ी है, जो आपातकाल में ट्रेन को जल्दी रोकने के लिए डिजाइन की गई है। लेकिन, ये भी ध्यान रहे कि इसका दुरुपयोग अपराध है और भारी सजा का कारण बन सकता है।
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