गूगल की AI आधारित नयी तकनीक से अब अंधेरे में भी बेहतर फोटो ली जा सकेगी
गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल पर अभी रिसर्च जारी है लेकिन भविष्य में गूगल इस एआइ टेक्नोलाजी का प्रयोग रोजाना इस्तेमाल होने वाले गैजेट्स में भी कर सकता है जिससे हमारा फोटोग्राफी का अनुभव और भी बेहतर होगा।

ब्रहृमानंद मिश्र। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए आज स्मार्टफोन बेहतर जरिया बन चुका है। यही वजह है कि यूजर अधिक मेगापिक्सल और बेहतर सेंसर युक्त कैमरे वाले स्मार्टफोन की मांग करते हैं। कुछ स्मार्टफोन तो कम रौशनी में भी बेहतर तस्वीर लेने में सक्षम होते हैं। हालांकि, अंधेरे में या कम रौशनी में ली गई तस्वीर की गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर नहीं होती। अब इस समस्या का भी समाधान होने जा रहा है। गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित नयी तकनीक से अब अंधेरे या कम रौशनी में भी बेहतर फोटो ली जा सकेगी।
कैसे काम करती है तकनीक
लो लाइट फोटोग्राफी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गूगल एक नये एआइ इमेज न्वायज रिडक्शन तकनीक पर काम कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित इस नयी तकनीक में डि-न्वायजिंग के माध्यम से डार्क सीन को रीकंस्ट्रक्ट किया जाता है, ताकि कम रौशनी में ली गई तस्वीर की सही स्थिति का पता चल सके। गूगल रिसर्च ने इस एआइ न्वायज रिडक्शन टूल को रा-एनइआरएफ नाम दिया है। लो लाइट सेटिंग में भी रा-एनइआरएफ इमेज को बेहतर ढंग से पढ़ सकता है। इस प्रकार यह इमेज को मोडिफाइ कर उससे बेहतर रूप प्रदान करता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि नाइट-फोटोग्राफी में यह मील का पत्थर साबित होगा।
कैसे बेहतर होती है फोटो क्वालिटी
न्यूरल रेडियंस फील्ड (एनइआरएफ) कलेक्ट की गई इनपुट इमेज के हाइ क्वालिटी नावेल व्यू के लिए एक विशेष तकनीक होती है। यह तकनीक केवल डि-न्वायजर के रूप में ही काम नहीं करती, बल्कि इसका इस्तेमाल कैमरा पोजिशन को बदलने, सीन को देखने, फोकस, एक्सपोजर और टोन मैपिंग के लिए भी होता है। इस टूल पर अभी रिसर्च जारी है, लेकिन भविष्य में गूगल इस एआइ टेक्नोलाजी का प्रयोग रोजाना इस्तेमाल होने वाले गैजेट्स में भी कर सकता है, जिससे हमारा फोटोग्राफी का अनुभव और भी बेहतर होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।