Fiber optic और Wireless broadband किस तरह हैं एक-दूसरे से अलग? कौन-सा नेट कनेक्शन बेहतर
Fiber optic vs Wireless broadband काम करने के लिए स्मार्टफोन का नेट पैक कम पड़ रहा है और नेट कनेक्शन लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके काम हो सकता है। यहां Fiber optic और Wireless broadband में अंतर बता रहे हैं। (फोटो- जागरण)

नई दिल्ली, टेक डेस्क। डिजिटल हो रहे समय में इंटरनेट कनेक्शन एक बड़ी जरूरत है। आप स्मार्टफोन में नेट पैक तो करवा लेते हैं, लेकिन जब बात पीसी, लैपटॉप पर घंटों भर के लिए नेट की जरूरत होती है तो रिचार्ज पैक का ऑप्शन काम नहीं आता है।
इंटरनेट कनेक्शन के लिए यूजर फाइबर ऑप्टिक और वायरलेस ब्रॉडबैंड के ऑप्शन पर ही जाता है। हालांकि, इन दोनों ही नेट कनेक्शन में आखिर क्या अंतर है, इसे बारीकी से समझने की जरूरत है, ताकि जरूरत के हिसाब से एक सही कनेक्शन को चुना जा सके।
फाइबर ऑप्टिक और वायरलेस ब्रॉडबैंड- कैसे काम करती है तकनीक
फाइबर ऑप्टिक्स में ग्लास और प्लास्टिक फाइबर के जरिए लाइट के करंट की मदद से नेट कनेक्शन की व्यवस्था है।
वहीं दूसरी ओर, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा दी जाने वाली नेट सुविधा वायरलेस ब्रॉडबैंड है। यह सर्विस लोकल एरिया नेटवर्क के जरिए उपलब्ध करवाई जाती है।
फाइबर ऑप्टिक और वायरलेस ब्रॉडबैंड- कीमत
फाइबर ऑप्टिक एक खर्चीली तकनीक है। इसके बजाय वायरलेस ब्रॉडबैंड फाइबर ऑप्टिक के मुकाबले कम खर्चिली है। हालांकि, कीमत ही नहीं दोनों नेट कनेक्शन के तरीके एक- दूसरे से कई मामलों में अलग हैं।
फाइबर ऑप्टिक और वायरलेस ब्रॉडबैंड- कनेक्शन टाइम
फाइबर ऑप्टिक शहरों में रहने वाले लोगों के लिए काम की हो सकती है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले यूजर के लिए वायरलेस ब्रॉडबैंड ही सही विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह तकनीक कम खर्चीली होने के साथ-साथ कम समय में भी तैयार हो जाती है।
फाइबर ऑप्टिक और वायरलेस ब्रॉडबैंड- स्पीड
दरअसल फाइबर ऑप्टिक उन यूजर के लिए फायदेमंद हो सकती हैं, जिन्हें अपने काम के लिए हाई स्पीड नेट की ही जरूरत होती है। फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट की एक जैसी स्पीड देता है।
वहीं दूसरी ओर, वायरलेस ब्रॉडबैंड एक समय में बहुत सारे यूजर्स को संभालते हुए नेट की हाई स्पीड नहीं दे सकता है। इस कनेक्शन में नेटवर्क कंजेशन का सामना करना पड़ सकता है।
फाइबर ऑप्टिक और वायरलेस ब्रॉडबैंड- नेटवर्क स्टेबिलिटी
फाइबर ऑप्टिक में दूरी नेटवर्क की स्पीड में बाधा नहीं बनती है। यह कनेक्शन एक जैसी स्पीड पर ही काम करता है। दूसरी ओर, वायरलेस ब्रॉडबैंड में दूरी स्पीड को प्रभावित करती है।
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