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    eSIM vs Physical Sim: कौन सा ऑप्शन आपके लिए है बेस्ट, यहां जानें जरूरी डिटेल

    Updated: Sat, 06 Jul 2024 01:36 PM (IST)

    अगर आप अपना फोन अपग्रेड करने की सोच रहे हैं और आपके पास eSim की सुविधा है तो पहले सवाल आता है कि क्या ये एक सही विकल्प है। ऐसे में फिजिकल सिम और ई सिम को लेकर हमारे दिमाग में कई संदेह रहते हैं। आज हम आपके इन सभी संदेह को दूर करने जा रहे हैं। यहां हम इन दोनों सिम की तुलना कर रहे हैं।

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    eSIM vs Physical Sim: कौन सा सिम है आपके लिए बैहतर

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। सिम कार्ड के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है। फिर भी अगर हम सिम कार्ड की बात करें तो यह एक छोटी चिप होती है जो आपको अपने कैरियर( जियो, एयटेल या वीआई) के नेटवर्क से कनेक्ट करने देती है। आमतौर पर लोग फिजिकल सिम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब हमारे पास eSim की भी सुविधा है।

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    eSIM तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। यह एक वर्चुअल सिम कार्ड है, जिसे आप वाई-फाई कनेक्शन से सेट कर सकते हैं, बशर्ते आपके पास कंपेटिबल फोन होना चाहिए। अब सवाल उठता है कि कौन सा ऑप्शन आपके लिए बेस्ट होगा, यहां हम इसके बारे में बात करेंगे।

    eSim vs फिजिकल सिम

    • आज की तेजी से कनेक्ट होती दुनिया में मोबाइल फोन रहना सबसे जरूरी है। लेकिन eSIM तकनीक के उदय के साथ फिजिकल सिम कार्ड को कुछ प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
    • फिजिकल सिम कार्ड कई अलग-अलग फॉर्म फैक्टर में आते थे, हालांकि अब हर आधुनिक फोन अल्ट्रा-टिनी नैनोसिम चिप का इस्तेमाल किया जाता है।
    • वहीं eSIM सिम चिप को फोन में एम्बेड किया जाता है, ताकि आप इसे हटा न सकें। जब आप कैरियर बदलना चाहते हैं, तो आपको बस अपनी पसंद के कैरियर के जरिए फोन को सक्रिय करना होगा।
    • यह आसानी से आपकी eSIM को अपडेट कर देगा और नए नेटवर्क से कनेक्ट कर देगा। इसके अलावा पहले से eSIM से कनेक्ट किए गए किसी भी अन्य डिवाइस को भी ऑटोमेटिकली डिस्कनेक्ट कर देगा।

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    फिजिकल सिम के फायदें और नुकसान

    • फिजिकल सिम कार्ड मोबाइल इंडस्ट्री का मानक रहा हैं। ये छोटे-छोटे चिप्स आपकी सब्सक्राइबर जानकारी रखते हैं और आपको आपके कैरियर के नेटवर्क से जोड़ते हैं।
    • इन्हें डिवाइस के बीच स्वैप करना आसान है, जिससे आप विदेश यात्रा करते समय जल्दी से फोन बदल सकते हैं या स्थानीय लोकल सिम कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • इसके अलावा, फिजिकल सिम आम तौर पर कई तरह के डिवाइस खास तौर पर पुराने मॉडल के साथ भी कंपेटिबल होते हैं।
    • फिजिकल सिम की अपनी सीमाएं होती हैं। वे आसानी से खो सकते हैं या क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जिससे आपका फोन तब तक इस्तेमाल करने लायक नहीं रह जाता जब तक आपको दूसरा सिम नहीं डालते हैं।
    • इसके अलावा, कैरियर बदलने के लिए अक्सर नया फिजिकल सिम लेना पड़ता है, जो समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है।

    eSIM के फायदें और नुकसान

    • eSIM, या एम्बेडेड सिम फिजिकल सिम कार्ड का एक डिजिटल वर्जन है। इसे सीधे आपके डिवाइस के मदरबोर्ड पर सोल्डर किया जाता है, जिससे बार-बार निकालने की परेशानी खत्म हो जाती है।
    • सुरक्षा की दृष्टि से यह सिम बेहतर होते हैं। यह एम्बेडेड है, इसलिए फिजिकल सिम की तुलना में eSIM को खोना या चुराना बहुत कठिन है।
    • eSIM के साथ कैरियर बदलना अक्सर आसान होता है। आप अपने डिवाइस पर सीधे एक नया कैरियर प्रोफाइल डाउनलोड कर सकते हैं, जिससे फिजिकल सिम की तुलना में इंतजार करने की जरूरत खत्म हो जाती है।
    • कुछ eSIM-सक्षम डिवाइस आपको एक ही डिवाइस पर कई कैरियर से प्रोफाइल संग्रहीत करने की अनुमति देते हैं। यह आपको यात्रा करते समय सिग्नल पॉवर या डेटा प्लान के आधार पर आसानी से कैरियर के बीच स्विच करने देता है।
    • भौतिक सिम कार्ड स्लॉट को हटाने से निर्माताओं को स्लीकर फोन डिजाइन बनाने और अन्य सुविधाएं जोड़ने में मदद मिलती है।

     सीधी भाषा में कहे तो eSIM तकनीक अभी भी नया है और सभी डिवाइस eSIM का सपोर्ट नहीं करते है। मगर ये आने वाले समय में आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके अलावा eSIM के साथ कैरियर स्विच करना सुविधाजनक हो सकता है। फिजिकल सिम को मैनेज करना भले ही आसान है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह थोड़ा कमजोर होता है

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