AC खरीदने से पहले जान लें ये टिप्स, ज्यादा कूलिंग के साथ बिजली का बिल भी आएगा कम
AC Buying Tips नया AC खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और एसी की कैपेसिटी और विंडो या स्प्लिट एसी को लेकर उलझन में हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि आपको कौन सा एसी सेलेक्ट करना चाहिए। यहां हम आपको विंडो और स्प्लिट एसी के फायदे और नुकसान के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी के सीजन एयर कंडीशनर (AC) बेहद जरूरी हो जाता है। अगर आप भी अपने घर के लिए नया AC खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो और ऑनलाइन वेबसाइट्स AC की वैरायटी देखकर कन्फ्यूज हो गए हैं तो परेशान न हों। आजकल टेक्नोलॉजी इतनी तेजी अपग्रेड हो रही हैं कि AC में मिलने वाले नए फीचर्स को समझना थोड़ा मुश्किल हो गया है। इस आर्टिकल में हम यहां आपको AC खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली हर जरूरी बात शेयर कर रहे हैं।
विंडो और स्प्लिट AC में क्या अंतर है?
AC खरीदने के दौरान आमतौर पर लोगों को यह समझ नहीं आता है कि उन्हें विंडो और स्प्लिट AC में से कौन-सा चुनना चाहिए। दोनों ही AC के कुछ फायदे और नुकसान हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
विंडो AC: विंडो AC कॉम्पैक्ट डिजाइन के साथ आता है, जिसमें एक ही यूनिट में सभी कंपोनेंट्स होते हैं। इससे इस एसी की इंस्टॉलेशन आसान हो जाती है। इसके साथ ही इनका मेंटेनेंस भी आसान होता है। विंडो AC के निगेटिव प्वॉइंट की बात करें तो ये स्प्लिट AC की तुलना में ज्यादा नॉइस करते हैं।
स्प्लिट AC: स्प्लिट AC में इनडोर और आउटडोर दो यूनिट होती हैं। यह विंडो एसी के मुकाबले कम शोर करता है। इसके साथ ही इसकी इंस्टॉलेशन थोड़ा जटिल है। इसके साथ ही मेंटेनेंस और कीमत विंडो एसी के मुकाबले ज्यादा होती है।
किस कैपेसिटी का AC खरीदें?
विंडो और स्प्लिट AC में से एक सेलेक्ट करने के बाद अगली चुनौती कूलिंग कैपेसिटी चुनना है। आमतौर पर AC की कैपेसिटी Ton में मापते हैं, जिसका मतलब कूलिंग पावर से होता है। आमतौर पर – 1 टन, 1.5 टन और 2 टन जैस विकल्प मिलते हैं।
यदि आपका कमरा बड़ा है या एक कमरे में ज्यादा लोग रहते हों तो बेहतर कूलिंग के लिए अधिक कैपेसिटी वाला AC सलेक्ट करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर AC में क्या अंतर है?
नया AC खरीदते समय इन्वर्टर और नॉन-इन्वर्टर टेक्नोलॉजी में अंतर समझना भी जरूरी है।
इन्वर्टर AC: आमतौर पर इन्वर्टर एसी बिजली की कम खपत करते हैं, जिससे बिजली का बिल कंट्रोल में रहता है। इसके साथ ही ये बड़े कमरे को कम समय में ठंडा करने की कैपेसिटी भी रखता है। इन्वर्टर एसी में Variable Frequency Drive (VFD) टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है, जो जरूरत के मुताबिक कंप्रेसर की स्पीड को एडजस्ट करता है।
नॉन-इन्वर्टर AC: नॉन-इन्वर्टर एसी बिजली की खपत ज्यादा करता है और कमरे को ठंडा करने में अधिक समय लेता है। ये एसी फिक्स्ड स्पीड पर काम करता है।
Energy Star Rating को न करें इग्नोर
AC या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंस खरीदते समय BEE (Bureau of Energy Efficiency) की स्टार रेटिंग पर जरूर ध्यान दें। यह रेटिंग 1 स्टार से 5 स्टार तक होती है। इसमें 5 स्टार वाले AC सबसे ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट होते हैं।
इंस्टॉलेशन और वारंटी
AC खरीदते समय इंस्टॉलेशन और वारंटी का भी ध्यान रखना चाहिए। विंडो AC की इंस्टॉलेशन स्प्लिट AC की तुलना में आसान और सस्ती होती है। वहीं वारंटी की बात करें तो कंपनियां एसी यूनिट पर 1 साल की वारंटी और एसी के कंप्रेसर पर 5 साल की वारंटी ऑफर करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
इन्वर्टर AC कूलिंग और जरूरत के हिसाब से कंप्रेसर की स्पीड को एडजस्ट करता रहता है। इससे बिजली की खपत कम होती है, जिससे बिल भी कंट्रोल में रहता है।
1 टन का AC आमतौर पर 100-150 वर्ग फीट तक के कमरे के लिए बेस्ट रहता है। अगर कमरा 150 SqFt से बड़ा है तो आपको 1.5 टन कैपेसिटी वाला एसी खरीदना चाहिए।
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