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    न टेस्ट, न मशीन… बस एक सेल्फी और मिल जाएगी हेल्थ रिपोर्ट; नई AI टेक्नोलॉजी ने किया कमाल

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 01:49 PM (IST)

    AI in Healthcare टेक्नोलॉजी की मदद से अब बीमारियों का शुरुआती स्टेज में पता लगाना आसान हो गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से चेहरे की तस्वीर से ही बीमारियों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार में मदद मिलेगी। फेसएज नामक एआई टूल चेहरे की तस्वीरों का विश्लेषण करके जैविक उम्र का पता लगाता है।

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    न टेस्ट, न मशीन… बस एक सेल्फी और मिल जाएगी हेल्थ रिपोर्ट

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अगर कोई बीमारी शुरुआती स्टेज में ही पकड़ में आ जाए तो उसके गंभीर होने और जान जोखिम में जाने से बचाया जा सकता है। अव जिस तरह सेल्फी या फोटो से संभावित बीमारी का एआई से पूर्वानुमान लगाया जा रहा है, उससे गंभीर बीमारियों के उपचार में एक नई उम्मीद जगी है। 

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    सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों में बीमारियों की जांच के लिए स्मार्टलैव और अत्याधुनिक सुविधाओं के बावजूद जांच की सटीकता, जटिलता, अधिक खर्च और उसमें समय लगने पर सवाल बने हुए हैं। खासकर, कैंसर जैसे जानलेवा रोग के डाइग्नोसिस में रेडियोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट तक से चूक की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। खास बात है कि इन सभी कार्यों में एआई के अलग-अलग टूल्स से मदद मिलने जा रही है।

    कैंसर का पता लगना होगा आसान

    फेसएज मास जनरल ब्रिघम और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI in Healthcare) टूल है, जो चेहरे की तस्वीरों का उपयोग कर जैविक उम्र का विश्लेषण करता है। यह ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा किए जाने वाले विभिन्न तरह की डॉक्टरी जांच जैसे एमआरआई, सीटी स्कैन, बायोप्सी, लैब टेस्ट की तुलना में कैंसर से बचने के परिणामों का ज्यादा सटीक अनुमान लगा सकता है।

    शरीर में हो रहे बदलावों का संकेत

    एआई टूल के शोधकर्ताओं का मानना है कि इंसानी चेहरा उसके स्वास्थ्य के बारे में बता सकता है। यह टूल चेहरे की सिर्फ एक तस्वीर से कई जानकारियां देने में सक्षम है। यह गहनता से जांच कर बताता है कि शरीर में किस तरह की कमी आ रही है? किस हद तक उम्र ढल रही है? कितना बुढ़ापा आया है? यानी कि फेसएज न केवल जन्मदिन की गिनती की तुलना में बढ़ती उम्र को अधिक सटीक तरीके से मापता है, बल्कि डॉक्टरों की तुलना में कैंसर रोगियों में बचने की संभावनाओं का भी बेहतर अनुमान लगाता है।

    डीपलर्निंग एल्गोरिदम की भूमिका

    फेसएज सूक्ष्म चेहरे की विशेषताओं का आकलन करने के लिए हजारों तस्वीरों पर प्रशिक्षित 'डीप लर्निंग एल्गोरिदम' का उपयोग करता है, जो जैविक उम्र बढ़ने से संबंधित है। इनमें त्वचा की बनावट, मांसपेशियों की टोन और हड्डी की संरचना आदि शामिल हैं। यह जैविक आयु का अनुमान लगाकर क्रोनोलॉजिकल आयु के बजाय किसी व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और स्वास्थ्य को दर्शाता है।

    स्वास्थ्य की सही स्थिति

    जैविक आयु क्रोनोलॉजिकल एज से अधिक उपयोगी क्यों है? दरअसल क्रोनोलॉजिकल आयु हमेशा इस बात से मेल नहीं खाती कि कोई व्यक्ति वास्तव में कितना स्वस्थ या कमजोर है। उदाहरण के लिए, एक 65 वर्षीय व्यक्ति जो नियमित रूप से व्यायाम करता है और संतुलित आहार सेवन करता है, उसका शरीर बहुत कम उम्र के व्यक्ति जैसा हो सकता है, जबकि एक 28 वर्षीय व्यक्ति जो धूम्रपान करता है और अस्वास्थ्यकर आहार का सेवन करता है, उसकी आंतरिक आयु तेजी से बढ़ सकती है। बहरहाल, फेसएज क्लिनिकल परीक्षण के चरण में है और सार्वजनिक रूप से यह अभी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, आप मुफ्त वर्जन फेसएज एआई में सेल्फी अपलोड करके संभावित उम्र की जांच कर सकते हैं।

    छह हजार से अधिक लोगों पर गहन शोध

    इसका परीक्षण 6,000 से अधिक कैंसर रोगियों पर किया गया। इसमें पाया गया कि जिन रोगियों के चेहरे की भंगिमाएं उनके क्रोनोलॉजिकल आयु से अधिक पुरानी दिखती हैं, उनके जीवित रहने की दर कम होती है। उल्लेखनीय है कि जैविक आयु पारंपरिक उम्र के विपरीत आनुवंशिकी, जीवनशैली, बीमारी और पर्यावरण के कारण आपके शरीर पर होने वाले क्षरण को दर्शाती है।

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