वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील: ये 3 कारण बदलेंगे ई-कॉमर्स की तस्वीर,उपभोक्ताओं को होगा फायदा
वॉल मार्ट ने फ्लिपकार्ट को खरीदा, ये 3 कारण बदल देंगे भारतीय ई-कॉमर्स और उपभोक्ताओं का अनुभव
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर वॉलमार्ट ने आधिकारिक तौर पर फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी 16 बिलियन डॉलर में खरीद ली है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स डील कहा जा रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह भारत में होने वाला सबसे बड़ा अधिग्रहण है।
वहीं इस डील को लेकर सब जगह कई तरह की आशंकाएं भी हैं। बाजार में इस तरह की अनिश्चितता है कि वॉलमार्ट ने अपनी 4 फीसद शेयर वैल्यू खो दी है। मार्किट वैल्यू के हिसाब से यह लगभग 10 बिलियन डॉलर है। यूएस में शेयरहोल्डर्स यह शिकायत कर रहे हैं की वॉलमार्ट ने छोटी से चीज के लिए काफी बड़ी कीमत अदा कर दी है। इतनी बड़ी डील को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इससे भारत की डिजिटल और इंटरनेट इंडस्ट्री में सब कुछ बदल सकता है।
9 मई को इस डील की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई थी। ऐसा माना जा रहा है की भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर को दो परिभाषाओं में जाना जाएगा। एक 9 मई से पहले और एक 9 मई के बाद। जानते हैं इसके पीछे के कारण:
भारतीय उद्यमियों और निवेशकों के लिए बदलेगी परिस्थिति: इस डील से पहले पूरा मीडिया और बिजनेस एनलिस्ट यही मानते थे की भारत में किसी कंपनी के लिए सफल एग्जिट का एकमात्र तरीका आईपीओ ही है। सेकेंडरी सेल को आमतौर पर एक मौके या जुंए की तरह माना जाता था। लेकिन फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट की इस डील के बाद परिस्थिति पूरी तरह से बदलने वाली है। इससे आने वाले समय में डिजिटल उद्यमियों को कुछ नया लेकर आने का प्रोत्साहन मिलेगा। आइडिया अच्छा होने पर किसी भी उद्यमी को ऐसा ही एग्जिट मिल सकता है। हालांकि, इस डील का मतलब यह नहीं है की हर दूसरा आइडिया या हर दूसरी नई कंपनी को ऐसा मौका मिलेगा ही लेकिन इससे संभावनाओं को बढ़ावा जरूर मिल गया है। अब वो चीजें मुमकिन हैं जो पहले नहीं थी।
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में आएंगे बदलाव: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को इसके बाद नई उम्मीद मिली है। अब ई-कॉमर्स सेक्टर में वॉलमार्ट और अमेजन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। इससे ई-कॉमर्स क्षेत्र में हलचल देखने को मिलेगी। अलीबाबा के सपोर्ट के साथ पेटीएम इस प्रतिस्पर्धा में वाइल्ड-कार्ड की भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, नए फ्लिपकार्ट में गूगल की भी 7 फीसद की हिस्सेदारी है। जब बड़े प्लेयर्स बड़ी कीमत के साथ बाजार में आते हैं तो सभी को फायदा होता है।
भारतीय उपभोक्ताओं के लिए क्या बदलेगा? इस डील से भारतीय कंज्यूमर्स को क्या फायदा होगा? भारतीय यूजर्स जिनमें ऑनलाइन प्रोडक्ट्स खरीदने का प्रचलन बढ़ा है उन्हें इस डील से फायदा हो सकता है। वॉलमार्ट हर दिन सेल्स मॉडल के लिए मशहूर है। वॉलमार्ट द्वारा रोजाना उपभोक्ताओं को बड़े डिस्काउंट दिए जाते हैं। अब गूगल के साथ के अलावा फ्लिपकार्ट भी उनकी जेब में है। अब कंपनी ऐसे डिस्काउंट्स लेकर आ सकती है जो पहले कभी ई-कॉमर्स सेक्टर में ना देखे गए हो। अगर आप सोचते हैं की पेटीएम और अलीबाबा ने डिस्काउंट्स के मामले में मास्टर्स कर रहा है तो वॉल मार्ट उनके प्रोडक्ट्स को भी आपकी नजर में महंगे बना सकता है।
पूर्ण रूप से इन तीनों कारकों को जोड़कर देखा जाए तो फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट की यह डील पूरी इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है।
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