Move to Jagran APP

Google Play पर है ऐसे 35 खतरनाक ऐप्स, जो चुरा सकते हैं आपके पैसे, तुरंत करें अनइंस्टॉल

साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने 35 ऐसे ऐप्स की जानकारी दी है जो एंड्रॉयड यूजर्स को मालवेयर से हैक कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इन ऐप्स के 20 लाख से ज्यादा डाउनलोड्स हुए है। आइये इस बारे में जानते हैं।

By Ankita PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2022 01:34 PM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 01:34 PM (IST)
Google Play पर है ऐसे 35 खतरनाक ऐप्स, जो चुरा सकते हैं आपके पैसे, तुरंत करें अनइंस्टॉल
Google Play पर है 35 खतरनाक ऐप्स, यहां जानें डिटेल

नई दिल्ली, टेक डेस्क। साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स की एक टीम ने 35 ऐप ढूंढे हैं जो लाखों एंड्रॉइड यूजर्स को मैलवेयर दे रहे हैं। रोमानिया की एक साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी के एक रिपोर्ट के अनुसार, Google Play Store पर एक नया मैलवेयर कैंपेन है, जहां कुछ ऐप्स है, जो यूजर्स को उन्हें इंस्टॉल करने के लिए झूठे बहाने का उपयोग कर रहे हैं, फिर अपना नाम बदल सकते हैं, और बहुत ही अग्रेसिव विज्ञापन दिखाते है। ये साइबर अपराधी न केवल Google Play पर अपनी उपस्थिति का मॉनिटाइज कर रहे हैं, बल्कि वे यूजर अनुभव को भी बाधित कर रहे हैं और ये विज्ञापन सीधे मैलवेयर से जुड़ सकते हैं।

loksabha election banner

20 लाख से अधिक डाउनलोड

उपलब्ध सार्वजनिक डेटा के आधार पर, बिटडेफ़ेंडर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 35 मलिशियस ऐप्स के Google Play Store पर कुल 20 लाख से अधिक डाउनलोड हैं।ये पहले एंड्रॉयड यूजर्स को इंस्टाल करने का लालच देते हैं और इंस्टालेशन के तुरंत बाद, वे खुद का नाम बदलने के साथ-साथ अपने आइकॉन को बदलकर डिवाइस पर अपनी उपस्थिति छिपाते हैं।

इसके बाद ये ऐप अग्रेसिव ऐड्स दिखाना शुरू कर देते हैं। चूंकि वे यूजर को भ्रमित करने और अपनी उपस्थिति छिपाने के लिए एक अलग नाम का उपयोग करते हैं, इसलिए एप्लिकेशन ढूंढना और अनइंस्टॉल करना मुश्किल होता है।

रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि कई वैध ऐप अपने यूजर्स को ऐड्स देते हैं, लेकिन ये अपने खुद के स्ट्रक्चर के माध्यम से ऐड्स दिखाते हैं, जिसका अर्थ है कि वे अपने पीड़ितों को अन्य प्रकार के मैलवेयर भी दे सकते हैं।

ज्यादातर समय, यूजर एप्लिकेशन को पसंद नहीं करने पर उसे हटाना चुन सकते हैं। यूजर अभी भी मलिशियस ऐप्स को अपनी इच्छानुसार हटा सकते हैं, लेकिन इसके डेवलपर्स उन्हें प्रभावित डिवाइस पर ढूंढना अधिक कठिन बनाते हैं।

बिटडेफेंडर की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये पहचाने गए मलिशियस ऐप्स एक नई रीयल-टाइम बिहेवियर तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिसे खतरनाक प्रक्रियाओं को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इन ऐप्स से ऐसे बच सकते है यूजर्स

शिकार होने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन ऐप्स को इंस्टॉल न करें जिनकी जरूरत नहीं है। आपको उन ऐप्स को भी हटा देना चाहिए, जिनका वे उपयोग नहीं कर रहे हैं। उन ऐप्स की जांच करें, जिनमें बड़ी संख्या में डाउनलोड हैं और कुछ या कोई रिव्यू नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.