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    Money Vastu Tips: इस समय न करें पैसों का लेन-देन, वरना फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान

    Updated: Fri, 24 May 2024 05:16 PM (IST)

    वास्तु शास्त्र में कई नियमों के साथ-साथ इस बात का भी वर्णन किया गया है कि पैसों के लेनदेन के लिए कौन-सा समय बेहतर है। ऐसे में यदि आप इस समय का ध्यान रखते हैं तो आपको लेनदेन में कभी हानि का सामना नहीं करना पड़ता। तो चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार पैसों से जुड़े लेन-देन के कुछ नियम।

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    Money Vastu Tips इस समय न करें पैसों का लेन-देन।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vastu Tips for Money: वास्तु शास्त्र, हिंदू धर्म के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण विज्ञानों में से एक माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने घर और कार्यक्षेत्र में वास्तु नियमों का ध्यान रखता है, तो वह कई परेशानियों से बचा रह सकता है। इसी प्रकार वास्तु शास्त्र में लेनदेन से संबंधित भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति को हानि नहीं झेलनी पड़ती।

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    इस समय न करें लेन-देन

    वास्तु शास्त्र की मानें तो संध्या के समय और सूर्योदय के बाद कभी भी पैसों का लेन-देन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस समय में किसी को पैसे उधार नहीं देने चाहिए और न ही किसी से उधार लेना चाहिए। इसके साथ ही शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त के समय भी पैसों का लेन-देन अच्छा नहीं माना जाता।

    हो सकते हैं ये नुकसान

    ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त और सूरज ढलने के बाद किए गए लेन-देन से व्यक्ति को आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है और उसके हाथ में कभी पैसा नहीं टिकता। क्योंकि यह समय मां लक्ष्मी के विचरण का समय माना गया है। ऐसे में इस समय किए गए लेन-देन से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिस कारण व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।

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    यह समय माना गया है शुभ

    ऐसे में हमेशा सूर्योदय से पहले या फिर सुबह के समय पैसों का लेन-देन या पैसों से जुड़े कार्य किए जा सकते हैं। वहीं, हिंदू शास्त्रों में सूर्योदय के बाद का या फिर सूर्यास्त से ठीक पहले की अवधि को पैसों से जुड़े कार्य करने के लिए बेहतर माना गया है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।