Vastu Tips: लड्डू गोपाल की मूर्ति से जुड़े वास्तु नियमों का जरूर रखें ध्यान, नहीं आएगी कोई बाधा
माना जाता है कि घर में वास्तु नियमों का ध्यान रखने पर सकारात्मक ऊर्जा का वास बना रहता है जिससे परिवार में सुख-शांति का माहौल भी बना रहता है। वहीं कई घरों में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की सेवा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार लड्डू गोपाल की मूर्ति कैसे और कहां रखनी चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व माना गया है। इसकी सहायता से घर में कई तरह की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। कई परिवारों में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है। लड्डू गोपाल की सेवा के दौरान भी वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इससे साधक पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा बनी रहती है।
इस दिशा में रखें लड्डू गोपाल की मूर्ति
वास्तु शास्त्र में घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में लड्डू गोपाल की मूर्ति को रखना सबसे शुभ माना जाता है। वास्तु की दृष्टि से यह दिशा आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ी होती है। ऐसे में इस दिशा में लड्डू गोपाल को रखने से घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है।
कब लानी चाहिए मूर्ति
यदि आप लड्डू गोपाल की नई मूर्ति घर लाना चाहते हैं, तो इसके लिए जन्माष्टमी का दिन सबसे बेहतर माना जाता है। इसके साथ ही आप भादो या फिर सावन माह में किसी भी दिन लड्डू गोपाल को अपने घर ला सकते हैं। क्योंकि यह दोनों ही माह बहुत पवित्र माने जाते हैं। इसके साथ ही किसी भी महीने की एकादशी तिथि, जो भगवान विष्णु के लिए समर्पित मानी जाती है, आप उस दिन भी लड्डू गोपाल की मूर्ति घर में ला सकते हैं।
यह भी पढ़ें - Janmashtami 2024: लड्डू गोपाल के अभिषेक में शामिल करें विशेष चीजें, प्रसन्न होंगे कान्हा जी
इस तरह रखें लड्डू गोपाल
लड्डू गोपाल को मंदिर में हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए। आप उन्हें झूले पर भी बैठा सकते हैं। उनकी मूर्ति को हमेशा साफ-सुथरा रखें। लड्डू गोपाल की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल के समक्ष कभी भी नकारात्मक विचार मन में न लाएं और न ही कोई नकारात्मक बात उनके सामने बोलें। इन नियमों का ध्यान रखने पर आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।