Vastu Tips: रात में आएगी गहरी नींद, बस बिस्तर के पास कर लें ये उपाय
आजकल की व्यस्त जीवनशैली और तनाव के कारण बहुत से लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं। अच्छी नींद स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तकिये के नीचे हरी इलायची रखने से गहरी नींद आती है। बच्चे डरते हैं तो तकिये के नीचे चाकू रख दें। इससे रात में उसकी नींद नहीं टूटेगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vastu Tips: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव की वजह से कई लोगों को अनिद्रा यानी नींद न आने की बीमारी हो रही है। कुछ लोग तो इसका इलाज कराते हैं। मगर, कई लोगों को पता ही नहीं है कि वे किसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। दरअसल, अच्छी और गहरी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
गहरी नींद नहीं आने की वजह से दिनभर थकान, कमजोरी, भूलने की परेशानी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं। इसलिए सबसे पहली और जरूरी बात तो यह है कि आप अपने सोने के समय के साथ कोई समझौता नहीं करें।
तनाव को दूर करने के लिए योग या ध्यान का सहारा लें। इसके बाद भी यदि समस्या बनी रहती है, तो आप कुछ वास्तु के उपाय कर सकते हैं, जिससे आपको तुरंत राहत मिल सकती है। दरअसल, घर में वास्तु दोष होने पर एनर्जी का फ्लो बिगड़ जाता है। इसकी वजह से भी कई बार नींद न आने की समस्या हो सकती है।
इन उपायों को करके देखें
अनिद्रा की परेशानी से जूझ रहे लोगों को अपनी तकिया के नीचे एक हरी इलायची रखनी चाहिए। ऐसा करने से अच्छी और गहरी नींद आती है।
यदि बच्चा रात में बार-बार डरकर चौंक जाता है। उसकी नींद एक बार में पूरी नहीं होती है, तो उससके तकिए के नीचे छोटा चाकू, कैंची या लोहे की कोई चीज रखें।
तांबे के लोटा पानी से भरकर बिस्तर के पास रखें। सुबह उठने के बाद लोटे के पानी को पेड़-पौधे में डाल दें।
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बिस्तर के पास किसी तरह की निगेटिविटी नहीं होनी चाहिए। इसलिए जूते-चप्पल और गंदगी वगैरह बिस्तर के पास जमा नहीं होने दें।
बिस्तर की चादर हमेशा साफ-सुथरी और तरीके से बिछाकर ही सोने की तैयारी करें। टूटे हुए या गंदे बेड पर भी नींद अच्छी नहीं आती।
सोते समय कभी भी पैरों की दिशा दक्षिण की ओर नहीं होनी चाहिए। दक्षिण की दिशा को यम की दिशा माना जाता है। इससे खराब सपने आते हैं और नींद टूट जाती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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