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Vastu Shastra Tips: अपशब्द बोलने के पीछे कौन-से कारक हैं जिम्मेदार, कैसे छुड़ाएं ये गंदी आदत

कई लोग बिना सोचे-समझे बोलने लगते हैं या फिर बात-बात पर उन्हें अपशब्द कहने की आदत होती है। इसके पीछे कुंडली में मौजूद कुछ योगों का हाथ होता है। आइए जानते है कि कौन-से कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiPublished: Fri, 26 May 2023 01:07 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 01:07 PM (IST)
Vastu Shastra Tips: अपशब्द बोलने के पीछे कौन-से कारक हैं जिम्मेदार, कैसे छुड़ाएं ये गंदी आदत
Vastu Shastra Tips कैसे छुड़ाए अशब्द बोलने की गंदी आदत।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Vastu Shastra Tips: अपशब्द बोलने से व्यक्ति के सामाजिक प्रभाव पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही इससे धन और शरीर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर आपको भी अपशब्द कहने की आदत पड़ चुकी है तो इन उपायों द्वारा आप अपनी वाणी पर काबू पा सकते हैं।

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कौन-से कारक है जिम्मेदार

कुंडली का दूसरा, तीसरा और आठवां भाव वाणी से संबंधित होता है। अगर इन भावों में अशुभ ग्रह होते हैं तो इससे व्यक्ति की वाणी दूषित हो जाती है, जिससे वह अपशब्द बोलने लगता है। राहु और मंगल वाणी पर सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं। साथ ही ये व्यक्ति की खाने-पीने की आदत को भी बिगाड़ते हैं। इन्हीं योग के प्रभाव से व्यक्ति बिना सोचे-समझे बोलने लगता है। व्यक्ति न चाहकर भी अपशब्दों का प्रयोग करने लगता है। वहीं शनि का प्रभाव होने से अपशब्द बोलना एक आदत बन जाती है।

अपशब्द बोलने के क्या होते हैं परिणाम

अपशब्द बोलने के परिणाम नकारात्मक होते हैं। इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। आकस्मिक रूप से पैसे का नुकसान होना शुरू हो जाता है। साथ ही अपशब्द बोलने वाले लोगों को गले या मुंह की बीमारी होने का खतरा बना रहता है। साथ ही इससे बुध कमजोर होता है।

क्या है इसका समाधान

अपशब्द बोलने की आदत से छुटकारा पाने के लिए आप ज्योतिष की सलाह से पन्ना धारण कर सकते हैं। यह आपकी वाणी को शुद्ध करता है। अगर आपको पन्ना सूट न करे तो आप ज्योतिष की सलाह से पीला पुखराज भी पहन सकते हैं। इससे वाणी की नकारात्मकता दूर होती है, और बात-बात पर अपशब्द कहने की आदत से छुटकारा मिलता है। 

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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