Vastu Shastra: बिल्ली से जुड़े ये संकेत बना सकते हैं आपको धनवान, लेकिन कुछ संकेत बनते हैं मुसीबत का सबब
लोग अपने घरों में तरह-तरह के जानवर आदि पालते हैं। कई लोगों को बिल्ली पालना बहुत ही पसंद होता है। देखते-देखते पालतू जानवर घर का एक सदस्य ही बन जाते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र में बिल्ली से जुड़े कई शुभ और अशुभ संकेत बताए गए हैं। तो चलिए पढ़ते हैं कि बिल्ली से जुड़े कौन-से संकेत शुभ माने जाते हैं और कौन-से संकेत अशुभ होते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र में कई पशु-पक्षियों को शुभता के संकेत के रूप में देखा जाता है, तो वहीं कुछ जानवर अशुभ भी माने गए हैं। इसी तरह बिल्ली से जुड़ी भी कई मान्यताएं वास्तु शास्त्र में मौजूद हैं, जिसके अनुसार, बिल्ली को शुभ या अशुभ दोनों तरीकों से देखा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि घर में बल्ली का बच्चों को जन्म देना या फिर बिल्ली का रोना किस बात की ओर इशारा करता है।
बिल्ली पालना शुभ या अशुभ
कई मान्यताओं के अनुसार, बिल्ली पालना शुभ होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बिल्ली व्यक्ति को काले जादू के प्रभाव से बचाती है। लेकिन कई मान्यताओं के अनुसार, बिल्ली पालना अशुभ भी है, क्योंकि घर में बिल्ली होने से राहु तत्व भी सक्रिय होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
कैसा है बिल्ली का जन्म देना
ऐसा माना जाता है कि जिस घर में बिल्ली बच्चों को जन्म देती है, तो उस परिवार के सदस्यों के लिए तरक्की की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही उस घर में नकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवेश नहीं होता।
यह भी पढ़ें - Vastu Tips: गणेश जी की मूर्ति दूर कर सकती है बड़े-से-बड़ा वास्तु दोष, जानिए कैसे?
बिल्ली का रंग
बिल्ली का शुभ या अशुभ होना उसके रंग से भी संबंधित माना जाता है। अगर आपके घर में गोल्डन रंग की बिल्ली है, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। सुनहरे रंग की बिल्ली को पालने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं काले रंग की बिल्ली को बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। अगर घर में अचानक से काली बिल्ली आकर रोने लगती, तो इसे एक अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। यह घटना किसी अप्रिय घटना या अशुभ समाचार का संकेत दे सकती है।
यह भी पढ़ें - Angels Calling: जलन की भावना से हो सकता है नुकसान, एंजल्स की सलाह लेकर करें दिन की शुरुआत
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।