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    Vastu For Drawing Room: क्या ड्राइंग रूम का सिर्फ सुंदर होना काफी है, जानें ये वास्तु टिप्स

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 02 Apr 2021 02:31 PM (IST)

    Vastu For Drawing Room आमतौर पर देखने को मिलता है कि सभी घरों में स्वागत कक्ष को सबसे सुंदर बनाने का प्रयत्न किया जाता है। आइये वास्तुकार से जानते हैं ...और पढ़ें

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    Vastu For Drawing Room: क्या ड्राइंग रूम का सिर्फ सुंदर होना काफी है, जानें ये वास्तु टिप्स

    Vastu For Drawing Room: आमतौर पर देखने को मिलता है कि सभी घरों में स्वागत कक्ष को सबसे सुंदर बनाने का प्रयत्न किया जाता है। क्योंकि घर आने वाले मेहमान इसी कक्ष में बैठकर घर के सदस्यों से मेल-मिलाप करते है और अगर यह स्थान सुंदर और सुविधाजनक हो तो मेहमान एक अच्छा अनुभव लेकर लौटेंगे। लेकिन ऐसा अच्छा अनुभव प्रदान करने के लिए सिर्फ इसका सुंदर होना ही काफी नहीं है बल्कि वास्तु सम्मत होना भी जरुरी है।

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    दरअसल आपने बहुत सी बार ऐसा पाया होगा कि किसी के घर का ड्राइंग रूम या स्वागत कक्ष बेहद सुंदर होने के बावजूद आपको वहा समय व्यतीत करना अच्छा नहीं लगा। वहीं, दूसरी ओर कभी ऐसा भी अनुभव हुआ होगा जब एक साधारण से घर का साधारण सा ड्राइंग रूम से आपका जाने का मन नहीं हुआ और मेजबानों के साथ ज्यादा समय बिताने की इच्छा हुई हो।

    तो ऐसा इसलिए होता है कि एक वास्तु सम्मत स्वागत कक्ष साधारण होने पर भी आकर्षित करता है और एक वास्तु विरुद्ध स्वागत कक्ष सुंदर होने पर भी विकर्षित करता है। तो आइये वास्तुकार संजय कुड़ी से जानते हैं स्वागत कक्ष बनाने के लिए वास्तु सम्मत तीन दिशायें कौन-सी होती है-

    उत्तर-पश्चिम दिशा में स्वागत कक्ष-

    उत्तर-पश्चिम दिशा स्वागत कक्ष बनाने के लिए उत्तम मानी जाती है। इसे वायव्य दिशा के रूप में भी जाना जाता है। इस दिशा में निर्मित स्वागत कक्ष में होने वाली मीटिंग्स या मुलाकातें घर के निवासियों के लिए लाभदायक सिद्ध होती है। आपके घर आने वाले मेहमानों से आप बातचीत के दौरान अधिक सामंजस्य बना पाते है।

    उत्तर दिशा में स्वागत कक्ष-

    वायव्य दिशा के अलावा उत्तर दिशा स्वागत कक्ष के निर्माण के लिए बहुत उपयुक्त होती है। यहाँ स्थित ड्राइंग रूम व्यक्ति के करियर के लिए अच्छा माना जाता है। विशेष रूप से जिन लोगों से आपकी मुलाकात इस स्थान पर बने स्वागत कक्ष में निरंतर होती रहती है वे आपके करियर में नए अवसरों के लिहाज से बहुत सहायक सिद्ध होते है।

    पूर्व दिशा में स्वागत कक्ष-

    स्वागत कक्ष को बनाने के लिए पूर्व दिशा को सबसे अच्छी दिशाओं में से एक माना जाता है। इस दिशा का संबंध ही वास्तु में सामाजिक संबंधों से होता है। अगर यह दिशा वास्तु के अनुरूप हो तो इसका सकारात्मक असर आपके सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाता है। ऐसे में यहां पर स्वागत कक्ष का निर्माण किया जा सकता है।

    ध्यान रखने योग्य कुछ बातें-

    स्वागत कक्ष में मौजूद फर्नीचर वर्गाकार या आयताकार हो तो अच्छा माना जाता है। इस स्थान पर मौजूद घड़ी ज्यादा आवाज करने वाली नहीं होनी चाहिए। इसमें प्राकृतिक प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था होना बेहद जरुरी है। एक बंद और प्राकृतिक प्रकाश से रहित स्वागत कक्ष घुटन की भावना उत्पन्न करता है।

    इसमें कुछ सुंदर और प्राकृतिक पेंटिंग्स को दीवारों पर लगाया जा सकता है। इससे इसकी सुन्दरता और शुभ उर्जा में वृद्धि होती है।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '