Tulsi Vastu Upay: तुलसी से जुड़े नियम, जिन्हें जानना है व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी
Tulsi Vastu Upay हिन्दू पंचांग के अनुसार आज कामिका एकादशी व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन भगवान विष्णु की उपासना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की उपासना करने से जीवन धन समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। जानते हैं तुलसी से जुड़े कुछ प्रभावशाली वास्तु उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Tulsi Vastu Upay: आज यानी 13 जुलाई के दिन कामिका एकादशी व्रत रखा जा रहा है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रहे कष्ट दूर हो जाते हैं और जातकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बता दें कि आज के दिन तुसली की पूजा का भी विशेष महत्व है।
मान्यता है कि आज के दिन विधि-विधान से तुलसी पूजन करने से और ज्योतिष में बताए गए कुछ नियमों का पालन करने से, माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक को धन-धान्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं तुलसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम, जिनका करना चाहिए नियमित रूप से पालन।
तुलसी के वास्तु नियम (Tulsi ke Vastu Niyam)
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी को किसी भी अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए। साथ ही तुलसी पौधे के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करने से घर-परिवार में सकरात्मक उर्जा का संचार निरंतर बना रहता है।
तुलसी के पौधे को हर समय घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। साथ ही पूर्व दिशा या उत्तर दिशा भी उपयुक्त मानी जाती है। लेकिन पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए।
घर या बगीचे में तुलसी का पौधा लगाने के लिए शुक्रवार, शनिवार या गुरुवार का दिन बहुत उपयुक्त है। इसके साथ रविवार के दिन तुलसी का पौधा कभी न लगाएं ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है।
तुलसी के पौधे को एकादशी अथवा रविवार के दिन भूलकर नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं। साथ ही जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि घर के बागीचे में मुरझाए हुए तुलसी के पौधे को नहीं रखना चाहिए। ऐसा होना अशुभ माना जाता है। इसलिए मुरझाए हुए पौधे की देखभाल करें और मृत पौधे को जल में प्रवाहित कर उसकी जगह नया पौधा लगा दें।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है, विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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