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    Study Room Vastu Tips: पढ़ाई के समय किस दिशा में होना चाहिए मुख, स्टडी रूम में आज ही करें ये बदलाव

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 01 Jun 2023 11:53 AM (IST)

    वास्तु शास्त्र में रसोई घर से लेकर बेडरूम तक के नियम बताए गए हैं। इसमें हर काम व चीज के लिए एक दिशा का निर्धारण किया गया है। बच्चे के स्टडी रूम में अगर वास्तु नियम का ध्यान रखा जाता है तो बच्चे को अवश्य ही सफलता मिलती है।

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    Study Room Vastu Tips पढ़ाई के समय किस दिशा में होना चाहिए मुख।

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Study Room Vastu Tips: वास्तु शास्त्र हिंदू प्रणाली में सबसे पुराने विज्ञानों में से एक है। इसमें सभी दिशाओं का एक खास महत्व बताया गया है। अगर गलत दिशा में कोई वस्तु रखी जाती है या फिर गलत दिशा में मुख करके कोई काम किया जाता है तो इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ठीक उसी तरह बच्चों के स्टडी रूम से संबंधित नियम भी बताए गए हैं। इसका ध्यान रखने से बच्चों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता मिलती है। 

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    स्टडी रूम के लिए क्या हैं वास्तु नियम

    वास्तु शास्त्र में पढ़ाई-लिखाई करने लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व मानी गई है। बच्चों का स्टडी रूम कभी भी दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए। इस बात का भी ख्याल रखें कि घर की सीढ़ियों के नीचे बच्चों के पढ़ने का कमरा नहीं बनवाना चाहिए। इससे उनकी पढ़ाई-लिखाई में बाधा पड़ती है।

    कैसे रखें स्टडी टेबल

    पढ़ाई करने वाले कमरे में मेज और कुर्सियां इस तरह रखनी चाहिए कि कुर्सी पर बैठते समय पढ़ते समय बच्चे की पीठ कमरे के दरवाजे या खिड़की की तरफ होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र में पढ़ाई की टेबल के आकार के बारे में भी बताया गया है। टेबल हमेशा चौकोर आकार की होनी चाहिए।  

    क्या है बैठने की सही दिशा

    बच्चे के स्टडी रूम की व्यवस्था इस तरह करें कि पढ़ते समय बच्चे का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार कॉपी किताब को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। कॉपी किताबों के लिए कभी खुले रैक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कापी-किताब वाली आलमारी को कभी भी गंदा न होने दें। चीजों को व्यवस्थित तरीके से रखना चाहिए।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'