Rajyog in Kundli: कहीं आपके शरीर पर भी तो नहीं है ये निशान? राजयोग होने का देते हैं संकेत
Rajyog in Kundli हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र को अपना भविष्य जानने का बेहद महत्वपूर्ण जरिया माना गया है। ज्योतिषशास्त्र में कुछ योगों को राजयोग कहा गया है। राजयोग जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग होते है उसे जीवन में सफलता मिलती है। आप शरीर पर मौजूद कुछ निशानों से ये जान सकते हैं कि आपकी कुंडली में राजयोग है या नहीं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Rajyog in Hindi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह का एक निर्धारित समय अवधि के बाद राशि परिवर्तन होता है। ग्रहों के गोचर का काफी हिंदू धार्मिक बहुत ही अधिक महत्व है। ग्रहों के परिवर्तन की वजह से राजयोग का निर्माण होता है। ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जिनकी कुंडली में राजयोग होता है।
कैसे बनता है राजयोग
ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि जब किसी जातक की कुंडली के नौवें और दसवें भावों में बैठे ग्रह शुभ हैं तो कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है। कुंडली में इस योग के होने पर व्यक्ति राजा के समान जीवन जीता है। भृगु वेद में कहा गया है कि जिस कुंडली में बुध और चंद्रमा की शुभ स्थिति राजयोग बनाती है, ऐसे जातक राजनीति में काफी सफल होते हैं और उनका जीवन हर तरह से अच्छा होता है।
पैरों के ये निशान हैं शुभ
समुद्र शास्त्र में बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति के पैर के तलवे में चक्र या कुंडल के निशान हो तो वह व्यक्ति नेता या शासक बनता है। ऐसा भी माना जाता है कि वह व्यक्ति देश की सत्ता के शिखर पर पहुंचता है।
जब हाथ में हो ये निशान
जिस व्यक्ति के हाथों या पैरों में हस्ती, छत्र, मछली, तालाब, या वीणा जैसा कोई निशान होता हैं तो यह भी राजयोग का संकेत होता है। ऐसे व्यक्ति जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही इन लोगों को जीवन में खूब मान-सम्मान प्राप्त होता है।
हाथ पैर में तिल
शरीर पर मौजूद तिल भी आपको राजयोग के बारे में बता सकते हैं।अगर किसी व्यक्ति के हथेली और तलवे में तिल हो तो ये राजयोग का संकेत देते हैं। कहा जाता है कि जिस भी व्यक्ति की हथेली के बीचोंबीच तिल होता है, वह बहुत धनवान और भाग्यशाली होता है। वहीं पैरों में तिल होने का अर्थ है कि उस व्यक्ति को राजा जैसा मान-सम्मान मिलने वाला है।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।