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    Pukhraj Ratna Benefits: इन लोगों को धारण करना चाहिए पुखराज, जीवन के हर क्षेत्र में मिलती है तरक्की

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 04:49 PM (IST)

    हमेशा यह सलाह दी जाती है कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले हमेशा ज्योतिष की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि रत्न सभी लोगों के लिए एक प्रकार से लाभ नहीं देता। कुछ लोगों को इसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ते हैं।

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    Pukhraj Ratna Benefits किन राशि के जातकों को धारण करना चाहिए पुखराज।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Pukhraj Ratna Benefits: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरत्न हमारे जीवन पर अहम प्रभाव डालते हैं। रत्नों को यदि राशियों के हिसाब से धारण किया जाए, तो इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है। वहीं अगर इन्हें गलत राशियों के जातकों द्वारा पहना जाता है तो इससे परिणाम उल्टे भी हो सकते हैं।

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    पुखराज पहनने के लाभ

    पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है इसलिए इस रत्न को धारण करने से घर में धन संपत्ति की कभी को कमी नहीं होती है और बृहस्पति के कारण विवाह में आने वाली समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। पुखराज, धन-संपत्ति, शिक्षा, करियर, दांपत्य जीवन के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।

    किस राशि को करनी चाहिए धारण

    मेष, वृषभ, सिंह, धनु और मीन राशि के लोगों को पुखराज पहनना चाहिए, उनके लिए यह लाभदायक होता है। जिन राशियों के लिए पुखराज शुभ होता है, वे काफी उन्नति करते हैं।

    किन लोगों को नहीं करना चाहिए धारण

    ज्योतिष के अनुसार, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों को पुखराज रत्न धारण नहीं करना चाहिए। वहीं, किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति में हो, तो भी पुखराज नहीं धारण करना चाहिए। पुखराज के दुष्प्रभाव के फलस्वरूप दांपत्य जीवन में समस्‍याएं, धन हानि, अपयश, शिक्षा में संकट आदि झेलना पड़ सकता है।

    पुखराज पहनने के नियम

    पुखराज को हमेशा सोने की अंगूठी में ही धारण करना चाहिए, तभी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।क्योंकि पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है, इसलिए बृहस्पतिवार के दिन ही आपको पुखराज पहनना चाहिए। जब भी आप पुखराज पहनें, उसे गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र कर लें। इसे पहनने से पहले सुबह शुभ मुहूर्त में देव गुरु बृहस्पति की पूजा अर्चना विधिपूर्वक करें। इसके बाद ॐ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जाप करें। उसके बाद पुखराज को अपनी तर्जनी अंगुली में पहनें। पुखराज इस तरह हो कि उसका एक हिस्सा आपकी अंगुली को छू रहा हो।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'