Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mangal Kalash: वास्तु के अनुसार इस तरह करें मंगल कलश की स्थापना, घर में सुख-समृद्धि का बना रहेगा वास

    Updated: Tue, 05 Mar 2024 04:24 PM (IST)

    पूजा-पाठ को सफल बनाने के लिए ऐसी कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें शुभ माना जाता है। कलश भी इनमें से एक है। ऐसे में यदि आप वास्तु के अनुसार अपने घर में कलश की स्थापना करते हैं तो इससे आपको जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार कलश स्थापना की विधि।

    Hero Image
    Mangal Kalash घर में इस तरह करें मंगल कलश की स्थापना

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangal Kalash Importance: वास्तु शास्त्र में व्यक्ति की कई समस्याओं का हल छिपा हुआ है। ऐसे में यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो वास्तु के ये उपाय आजमा सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार, घर में मंगल कलश की स्थापना किस प्रकार करनी चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मिलते हैं ये लाभ

    वास्तु शास्त्र में माना गया है कि घर में अष्टदल कमल बनाकर मंगल कलश स्थापित किया जाए तो व्यक्ति के सभी संकट दूर हो सकते हैं। साथ ही इससे घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। माना जाता है कि कलश स्थापना से मां लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहता है, जिससे आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। इतना ही नहीं, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।

    यह भी पढ़ें - Plant Vastu Tips: लाभ के लिए तुलसी के साथ लगा सकते हैं ये पौधे, पितृ दोष का होगा निवारण

    इस तरह करें स्थापना

    सबसे पहले एक कलश में जल भरकर उसमें एक तांबे का सिक्का, दुर्वा, चंदन, सुपारी, हल्दी, अक्षत, लौंग, इलायची और पान डालें। इसके बाद कलश पर आम के पत्ते रखकर उसके मुख पर नारियल रख दें। इसके बाद रोली या कुमकुम से कलश पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और कलश पर कलावा या रक्षा सूत्र बांधे।

    इसके बाद अष्टदल कमल की आकृति बनाकर उस पर कलश की स्थापना करें। वास्तु के अनुसार, मंगल कलश की स्थापना के लिए ईशान कोण सबसे बेहतर माना गया है। आप घर में मंदिर में भी इस कलश की स्थापना कर सकते है।  

    WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें

    इस बातों का रखें ध्यान

    मंगल कलश स्थापना के लिए कभी भी लोहे के कलश का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर आप सोना, चांदी, तांबे या फिर मिट्टी के कलश का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे हमेशा उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। जहां कलश स्थापित करना है, उस स्थान को पहले गंगाजल से पवित्र कर लेना चाहिए। 

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'