Vastu Shastra Tips: घर में पितरों की तस्वीर लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान, वरना शुरू हो जाएंगे बुरे दिन
Vastu Shastra Tips ज्योतिषियों की मानें तो जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष लगा होता है उन्हें जीवन में ढेर सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए विशेष तिथि पर पितरों की पूजा अवश्य करें।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Vastu Shastra Tips: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर पितरों को तर्पण करने का विधान है। साथ ही श्राद्ध कर्म भी किया जाता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से घर में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष लगा होता है, उन्हें जीवन में ढेर सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए विशेष तिथि पर पितरों की पूजा अवश्य करें। साथ ही रोजाना सुबह में उठने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पितरों को प्रणाम करें। इससे पितरों की कृपा-दृष्टि परिवार पर बनी रहती है। लोग पितरों की तस्वीर भी घर पर लगाते हैं। अगर आप भी पितरों की तस्वीर लगाने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते है-
- वास्तु जानकारों की मानें तो घर में भूलकर भी पितरों की तस्वीर को लटका कर नहीं रखना चाहिए। पितरों की तस्वीर को लकड़ी के स्टैंड पर रखें। वास्तु शास्त्र में पितरों की तस्वीर को लटकाना शुभ नहीं माना जाता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पितरों की एक से अधिक तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। तस्वीर को घर में उस जगह पर लगाएं, जहां से घर के सभी सदस्यों की नजर पड़ती हो। पितरों की तस्वीर को मुख्य द्वार पर न लगाएं। बाहरी लोगों की नजर पितरों पर पड़ने से घर में नकारात्मक शक्ति का संचार होता है।
- घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर न लगाएं। पितरों का स्थान श्रेष्ठ है। हालांकि, पितरों को देवी-देवताओं के साथ नहीं रखना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र में निहित है कि पितरों की तस्वीर शयन कक्ष, रसोई यानी किचन और घर के मध्य में नहीं लगानी चाहिए। इन जगहों पर पितरों की तस्वीर लगाने से वास्तु दोष लगता है।
- वास्तु जानकारों की मानें तो पितरों की तस्वीर उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। दक्षिण दिशा में पितृ निवास करते हैं। अतः पितरों की तस्वीर उत्तर दिशा की दीवारों में लगाएं।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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