Vastu Tips: करना चाहते हैं मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न, तो वास्तु के इन नियमों का जरूर करें पालन
Vastu Tips वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में मां अन्नपूर्णा निवास करती हैं। आसान शब्दों में कहें तो मां अन्नपूर्णा किचन में विराजती हैं। अतः किचन की नियमित रूप से साफ-सफाई जरूरी है। साथ ही किचन में वास्तु नियमों का पालन भी अनिवार्य है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Vastu Tips: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में मां अन्नपूर्णा निवास करती हैं। आसान शब्दों में कहें तो मां अन्नपूर्णा किचन में विराजती हैं। अतः किचन की नियमित रूप से साफ-सफाई जरूरी है। साथ ही किचन में वास्तु नियमों का पालन भी अनिवार्य है। इससे घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती है। लापरवाही बरतने पर घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है। अगर आप भी मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो वास्तु के इन नियमों का पालन जरूर करें। आइए जानते हैं-
- वास्तु शास्त्र की मानें तो किचन यानी रसोई में भोजन का स्थान पूर्व दिशा में होना चाहिए। वहीं, किचन में खाना बनाते समय गृह लक्ष्मी का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही मां अन्नपूर्णा प्रसन्न रहती हैं।
- वास्तु जानकारों का कहना है कि किचन में पीने का पानी यानी (आरो) और बर्तन धोने की बेसिन उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में फ्रिज पश्चिम दिशा में रहना चाहिए। इससे वास्तु दोष दूर होता है।
- वास्तु शास्त्र की मानें तो किचन का मुख्य द्वार खाना बनाने वाले के ठीक पीछे या सामने नहीं होना चाहिए। इससे वास्तु दोष लगता है।
- किचन में गैस चूल्हे और पानी रखने के स्थान के बीच दूरी जरूरी है। इससे घर का वास्तु ठीक रहता है। अनदेखी करने से वास्तु दोष लगता है।
- रसोई घर में रात के समय भूलकर भी जूठे बर्तन न रखें। ऐसा करने से करने से घर में वास्तु दोष पैदा होता है। साथ ही मां अन्नपूर्णा भी नाराज होती हैं। इसके लिए भोजन पकाने और खाने के बाद जूठे बर्तन को साफ कर लें।
- वास्तु शास्त्रों में निहित है कि स्नान करने के पश्चात ही किचन में भोजन पकाने हेतु प्रवेश करना चाहिए। खाना पकाने के बाद सबसे पहले अग्नि देव को अन्न अर्पित करना चाहिए। इससे मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं।
- अक्सर महिलाएं रात में रोटी पकाने के बाद चकला और बेलन को ऐसे ही रख देती हैं। इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इसके लिए रोजाना रोटी बनाने के बाद अन्य बर्तनों के साथ चकला और बेलन को जरूर साफ करें।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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