Crassula Plant Upay: करना चाहते हैं धन के देवता कुबेर को प्रसन्न, तो घर की इस दिशा में लगाएं ये पौधा
Crassula Plant Upay धार्मिक मान्यता है कि कुबेर देव की पूजा-उपासना करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही धन में भी वृद्धि होती है। अतः लोग घर में कुबेर श्रीयंत्र स्थापित कर धन के देवता की पूजा करते हैं।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Crassula Plant Upay: सनातन धर्म में कुबेर को धन का देवता कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कुबेर देव की पूजा-उपासना करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही धन में भी वृद्धि होती है। अतः लोग घर में कुबेर श्रीयंत्र स्थापित कर धन के देवता की पूजा करते हैं। खासकर, दिवाली की रात कुबेर देव की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिन घरों में पारिवारिक क्लेश नहीं होता है और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन घरों में धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर जी वास करते हैं। अगर आप भी कुबेर देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो घर पर क्रासुला का पौधा जरूर लगाएं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्रासुला क्या है ?
वास्तु शास्त्र में क्रासुला के पौधे को चमत्कारी बताया गया है। धन के देवता कुबेर देव को क्रासुला पौधा अति प्रिय है। घर पर क्रासुला पौधा लगाने से धन के देवता प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही आय में भी वृद्धि होती है। ।
क्रासुला का पौधा किस दिशा में लगाएं
वास्तु जानकारों की मानें तो उत्तर दिशा में क्रासुला का पौधा लगाना शुभ होता है। इसके अलावा, बालकनी या छत पर लगाना भी लाभकारी होता है। अगर घर के बाहर जगह नहीं है, तो बालकनी या छत पर क्रासुला का पौधा लगाएं।
- एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि क्रासुला के पौधे को ऐसी जगह पर लगाएं। जहां अंधेरा नहीं रहता है।
- अगर आप कारोबार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो कैश काउंटर पर क्रासुला का पौधा रख सकते हैं। ऐसा करने से कुबेर जी बेहद प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से कारोबार में तरक्की होती है।
- क्रासुला के पौधे की सेवा करने से कुबरे देव प्रसन्न रहते हैं। इससे घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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