Home Vastu Tips: इस दिशा में बेडरुम से पति-पत्नी के संबंध होंगे खराब, घर में आग्नेय कोण का रखें ध्यान
Home Vastu Tips वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को आग्नेय कोण के रूप में भी जाना जाता है। यह दिशा पूर्व और दक्षिण दिशा के बीच स्थित होती है। इस दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शुक्र है। शुक्र आग्नेय कोण का स्वामी है और स्त्रियों का कारक ग्रह है।
Home Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व दिशा को आग्नेय कोण के रूप में भी जाना जाता है। यह दिशा पूर्व और दक्षिण दिशा के बीच स्थित होती है। इस दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शुक्र है। शुक्र आग्नेय कोण का स्वामी है और स्त्रियों का कारक ग्रह है। आग्नेय कोण का किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से लेकर उसके स्वास्थ्य तक जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर बड़ा प्रभाव पड़़ता है। इसका संबंध एक व्यक्ति की सुन्दरता और उसके व्यक्तित्व से भी होता है। आइये जानते हैं वास्तुकार संजय कुडी से आग्नेय कोण के लिए वास्तु और आप पड़ने वाले उसके शुभ-अशुभ प्रभाव।
आग्नेय कोण में बेडरूम का निर्माण
यह अग्नि तत्व से सम्बंधित दिशा है और यहां पर निर्मित बेडरूम में सोने वाला शख्स स्वभाव से बहुत उग्र हो जाता है। अगर शादीशुदा लोग इस स्थान पर सोते हैं, तो पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बेमतलब की बातों पर लड़ाई होती रहती है। अगर कोई व्यक्ति उत्तर दिशा की ओर सिर करके आग्नेय कोण के बेडरूम में सोता है, तो उसे अनिद्रा से सम्बंधित समस्या होने की काफी संभावना होती है। अतः यह दिशा घर के सदस्यों के बेडरूम बनाने के लिए उचित नहीं है।
आग्नेय दिशा में सीढ़ियों का निर्माण
आग्नेय दिशा में सीढ़ियों का निर्माण करना हो, तो इसके लिए पूर्वी आग्नेय दिशा अधिक उपयुक्त है। अगर किसी कारणवश सटीक आग्नेय कोण में ही सीढ़ियों का निर्माण करना हो, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सीढ़ियां क्लॉक-वाइज बनी हों क्योंकि आग्नेय में क्लॉक-वाइज घुमती हुई सीढ़ियां व्यक्ति को स्वभाव से थोड़ा शांत बनाती हैं। क्रोध पर नियंत्रण रखने में भी सहायक होती हैं।
आग्नेय दिशा में किचन का निर्माण
रजस ऊर्जा से युक्त आग्नेय दिशा में किचन का निर्माण बहुत शुभ होता है। यह किचन के निर्माण के लिए उत्तम स्थानों में से एक है। यहाँ स्थित किचन व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बेहतर करती है और रुके हुए धन को प्राप्त करने में भी मददगार होती है।
आग्नेय दिशा में अंडरग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण
अग्नि और जल एक दूसरे के विरोधी तत्व हैं। अतः आग्नेय दिशा में स्थित अंडरग्राउंड वाटर टैंक धन के सकारात्मक प्रवाह को रोकता है और महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है, इसलिए ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए आग्नेय दिशा में अंडरग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण नहीं करना चाहिए। सेप्टिक टैंक का निर्माण भी आग्नेय में करना वास्तु दोष का कारण बनता है।
ध्यान रखने योग्य कुछ बातें-
1- आग्नेय दिशा ईशान और वायव्य से भारी होनी चाहिए, लेकिन यह नैऋत्य दिशा से हल्की हो इस बात का ध्यान रखना जरुरी है।
2- घर का आग्नेय कोण वैद्युतिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखने के लिए अच्छा स्थान है।
3- अगर घर में स्थित पेड़ आग्नेय दिशा से आने वाली सूर्य की किरणों को घर में आने से रोकते हैं, तो उन्हें हटाना बेहतर होगा। बहुत अधिक ऊँचे पेड़ लगाने के लिए यह स्थान उपयुक्त नहीं है।
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