Vastu Tips: थाली में खाना परोसने और खाना खाने का क्या है सही नियम? जानिए
शास्त्रों में सुख-समृद्धि खुशहाली के लिए कई नियम बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर व्यक्ति आराम से जीवन व्यतीत कर सकता है। ऐसे ही भोजन परोसने से लेकर खाने तक को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति निरोगी रहता है।
नई दिल्ली, Vastu Tips: ज्योतिष, वास्तु शास्त्र से लेकर आयुर्वेद में खाना परोसने से लेकर खाना खाने तक के कई नियम बताए गए हैं। शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि अगर घर में सुख-समृद्धि के साथ मां अन्नपूर्णा की कृपा चाहते हैं, तो किसी को भी खाना परोसते समय कुछ नियमों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। थाली में भोजन ठीक से परोसने से घर में खुशहाली आती है। जानिए थाली में खाना परोसने के सही नियम के बारे में।
थाली में भोजन परोसने के नियम
ऋग्वेदीय ब्रह्मकर्म समुच्चय ग्रंथ थाली परोसने की संपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से बताया गया है। अन्न समर्पण विधि में एक श्लोक के बारे में
पात्राधो मंडलं कृत्वा पात्रमध्ये अन्नं वामे भक्ष्यभोज्यं दक्षिणे घृतपायसं पुरतः शाकादीन् (परिवेषयेत्)।
- सबसे पहले भूमि पर जल से एक मंडल बनाकर उस पर थाली रखनी चाहिए या फिर आप चौकी या पाट पर थाली रख सकते हैं। इसके बाद थाली के मध्य भाग में चावल, पुलाव, हलुवा आदि परोस दें।
- थाली में बाएं ओर चबाकर ग्रहण करने वाले खाद्य पदार्थ रखें और दाएं ओर घी युक्त खीर परोसनी चाहिए।
- अगर नमक की जरूरत है तो थाली के ऊपर की ओर बीच में रखें। नमक के बाएं ओर नींबू, अचार, टमाटर चटनी सहित अन्य चटनी रख सकते हैं और बाएं ओर छाछ, खीर, दाल, सब्जी, सलाद आदि रख दें।
- इस बात का जरूर ध्यान रखें कि कि थाली में कभी भी तीन रोटी, पराठे या फिर पूड़ी नहीं परोसनी चाहिए।
- थाली की दाएं ओर पानी से भरा गिलास रखना चाहिए।
भोजन करने के नियम
- खाने वाले व्यक्ति को सुखासन की अवस्था में बैठकर भोजन करना चाहिए। कभी भी खड़े होकर या फिर अन्य अवस्था में बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
- अन्न ग्रहण करने से पहले हाथ जोड़कर देवी-देवता का मनन करते हुए भोजन के लिए शुक्रिया कहना चाहिए।
- भोजन आरंभ करने से पहले तीन टुकड़े निकाल देना चाहिए जो गाय, कुत्ते और कौवे को खिलाना चाहिए। माना जाता है कि इन टुकड़ों को आप ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम पर निकाल देते हैं।
- शांति के साथ आराम से भोजन करना चाहिए। इसके बाद अपने हाथों को कभी भी थाली या पत्तल में नहीं धोना चाहिए। इसे अन्न का अपमान माना जाता है।
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