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Kitchen Vastu Tips: वास्तु के अनुसार कैसा हो आपका किचन? यहां जानें इसके बारे में

Kitchen Vastu Tips किचन को वास्तु के अनुसार नहीं बनाया गया है तो इसका प्रभाव घर में रहने वाले लोगों की सेहत खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार जानें अपने किचन का सही स्वरूप क्या होना चाहिए।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 04:30 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:20 PM (IST)
Kitchen Vastu Tips: वास्तु के अनुसार कैसा हो आपका किचन? यहां जानें इसके बारे में
Kitchen Vastu Tips: वास्तु के अनुसार कैसा हो आपका किचन? यहां जानें इसके बारे में

Kitchen Vastu Tips: किचन को वास्तु के अनुसार बनाना जरूरी है। कहावत है कि अच्छा खाओ और अच्छा खिलाओ। इंसान का पेट भरा हो, तो उसके दुख आधे हो जाते हैं। अगर किचन को वास्तु के अनुसार नहीं बनाया गया, तो घर में रहने वाले लोगों की सेहत, खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा रोग, शोक और धन की बर्बादी का भी कारण बन सकता है। वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार जानें आपके किचन का सही स्वरूप क्या होना चाहिए।

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किचन में किस दिशा में क्या रखें

वास्तुशास्त्र के अनुसार आपके घर का किचन आग्नेय कोण में होना फलदायी होता है। आग्नेय कोण आपके घर की दक्षिण-पूर्व की दिशा होती है। इस अनुरूप किचन में पीने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। पानी और आग को कभी पास-पास नहीं रखना चाहिए। गैस दक्षिण-पूर्व दिशा में होनी चाहिए। भोजन करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा में और डाइनिंग टेबल दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए। माइक्रोवेव, मिक्सर या अन्य धातु उपकरण दक्षिण-पूर्व में तथा फ्रिज उत्तर-पश्चिम में रख सकते हैं। डस्टबिन को किचन से बाहर ही रखना चाहिए।

कैसा होना चाहिए किचन

किचन को खुला-खुला और चौकोर होना चाहिए। इसके फर्श और दीवारों का रंग पीला, नारंगी रखें और नीले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए। पूर्व में खिड़की और उजालदान होना चाहिए। किचन में ईशान कोण की तरफ जल को रखें। रसोईघर में पूजा का स्थान और आस-पास बाथरूप या शौचालय बिल्कुल नहीं होना चाहिए। खिड़की के नीचे चूल्हा, चूल्हे के ऊपर शेल्फ तथा सिंक और चूल्हा एक ही प्लेटफार्म पर नहीं होना चाहिए। किचन में एग्जॉस्ट फैन जरूर लगाएं। वास्तु और ज्योतिष के अनुसार जहां किचन हो, भोजन वहीं करना चाहिए। इससे राहु और केतु का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। बिना छत वाली जगह पर भोजन करने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव सक्रिय हो जाता हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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