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    जीवन में सहनशीलता का बड़ा महत्व है

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    Updated: Fri, 11 Jul 2014 10:32 AM (IST)

    सहनशीलता एक ऐसा सत्य है, जिससे प्राय: सभी लोगों को अपने जीवनकाल में रू-ब-रू होना पड़ता है। सहनशील होना एक गुण है, जिससे जीवन का वास्तविक विकास होता है। आज हमारे जीवन में दुख और तनाव हावी हैं। इसका परिणाम यह है कि हम थोड़े से कष्टों से शीघ्र घबरा जाते हैं, क्रोधित हो जाते हैं। संत कबीर एक ऐसे संत थे, जो प्राय: शांत और सहनश

    जीवन में सहनशीलता का बड़ा महत्व है

    सहनशीलता एक ऐसा सत्य है, जिससे प्राय: सभी लोगों को अपने जीवनकाल में रू-ब-रू होना पड़ता है। सहनशील होना एक गुण है, जिससे जीवन का वास्तविक विकास होता है। आज हमारे जीवन में दुख और तनाव हावी हैं। इसका परिणाम यह है कि हम थोड़े से कष्टों से शीघ्र घबरा जाते हैं, क्रोधित हो जाते हैं।
    संत कबीर एक ऐसे संत थे, जो प्राय: शांत और सहनशील बने रहते थे। उनके जमाने में विरोधियों की कमी नहीं थी, लेकिन अपनी बातों को डंके की चोट पर कहनेवाला, पूरी पुरातनपंथी व्यवस्था को निर्थक करार देने वाला और सगुण उपासना का खंडन कर निर्गुण का प्रचार-प्रसार करने वाला कबीर जैसा व्यक्ति कितना सहनशील रहा होगा। इस बात की आप कल्पना कर सकते हैं। जिसने कभी किसी से लड़ाई-झगड़ा, मार-पीट, गाली-गलौज नहीं की, बल्कि शुद्ध व पवित्र मन से साधना करते हुए संत कबीर ने अपना मत केवल सहनशीलता के बलबूते फैलाया। यदि कबीर सहनशील न बने होते, तो आज भक्तों, संतों एवं कवियों की परंपरा में नहीं रह पाते। इस तरह यह मानना पड़ेगा कि जीवन में सहनशीलता का कितना बड़ा महत्व है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सादगी से भरा जीवन बहुत ही सहनशील था। वह प्राय: अपने प्रत्येक कार्य और व्यवहार में सहनशील बने रहते थे। उनका प्रत्येक कार्य रूटीन के मुताबिक चलता था। समय के बेहद पाबंद थे और अपने मन, वचन व कर्म से कभी किसी को कष्ट देना पसंद नहीं करते थे। इसीलिए वे अपने जीवन में प्राय: सफल रहे थे। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम सहनशील बनें ताकि हमारे कर्म और व्यवहार से किसी को कोई कष्ट न हो।
    सहनशीलता का गुण अभ्यास से सीखा जा सकता है। प्रत्येक कार्य करने की योजना एक सुनिश्चित ढंग से बनाने और उस पर अमल करने से ही सही दिशा में बदलाव संभव है। अच्छे लोगों की संगति, चिंतन व विचारों को शुद्ध बनाए रखने से समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है। सहनशीलता का गुण आ जाने से दोस्तों और पड़ोसियों के बीच आदर होता है। जल्दी तनाव या क्रोध नहीं आ पाता। इसलिए सहनशील बने रहकर निज लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।

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