झूठ विकार है इसलिए झूठ का पतन निश्चित है
विकारों से भरा मन निर्बल हो जाता है जिससे वह सत्य का सामना करने योग्य नहीं रहता। वह न अपने सच को देखना चाहता है और न ही अन्य व्यक्ति के सच में रुचि ल ...और पढ़ें

विकारों से भरा मन निर्बल हो जाता है जिससे वह सत्य का सामना करने योग्य नहीं रहता। वह न अपने सच को देखना चाहता है और न ही अन्य व्यक्ति के सच में रुचि लेता है। अपने आसपास वह एक ऐसा संसार तैयार कर लेता है जिसमें उसका अहं, क्रोध, लोभ, काम और मोह सुरक्षित रहें। उन्हें कोई आघात न पहुंचे। उसका संसार झूठ और फरेब पर टिका होता है। ऐसा मनुष्य दिखता कुछ है और अंदर कुछ होता है। जो मन में है वह जिह्वा पर नहीं। कर्म का वास्तविक लक्ष्य कभी भी प्रकट नहीं होता। यह बड़ी आंतरिक विकलांगता है, जो सदा भयभीत रखती है। मनुष्य सारे नैतिक मूल्य ताक पर रखकर भी अपने सच को छिपाना चाहता है। मानवीय संबंध और सामाजिक संदर्भ इनके लिए अर्थहीन हो जाते हैं। कभी किसी क्रोधी, लोभी, कामी व अहंकारी व्यक्ति ने स्वीकार नहीं किया कि ये उसके गुण हैं। इसके विपरीत वह स्वयं को शांत, सहज, सात्विक और विनम्र प्रदर्शित करने के लिए प्रयासरत रहता है। जब तक स्थितियां सामान्य रहती हैं, वह अपने मनोरथ में सफल रहता है। उसके इस छद्म आचरण के कितने ही शिकार होते रहते हैं और दोष भाग्य, समय, स्थितियों पर आता है। ऐसा अधिक दिनों तक नहीं चलता और स्थितियों में स्वाभाविक परिवर्तन से अस्वाभाविक, निर्मित की गई स्थितियां धराशायी हो जाती हैं।
सच स्वाभाविक है। इसलिए अक्षय है। झूठ विकार है और वह अस्वाभाविक है। इसलिए झूठ का पतन निश्चित है। रावण ने कितनी ही विद्वता अर्जित कर ली थी, किंतु मन में विकार थे, जिससे सोने की लंका देखते ही देखते दहन हो गई। जब विपरीत परिस्थितियां आईंतो छद्म धारण करने वाला अपनी निर्बलताओं की रक्षा के लिए सदैव किसी भी सीमा तक निर्लज्ज, निर्मम और निकृष्ट बन गया। वह तो अपने कदाचारों का बंदी है। सदाचार तो उसके कदाचारों का सुरक्षा चक्र है, जिसके असफल होने पर वह झूठ के साथ खड़ा दिखता है। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि विकार सुरक्षित रहकर पोषित हो सके हों। जब हमारे अंदर अहंकार, लोभ, मोह, काम, क्रोध नहीं होगा, तो कैसा भी छद्मवेशी हो वह आपका अहित नहीं कर सकेगा। जब हमारे अंतर्मन का सच निर्बल पड़ने लगता है तभी झूठ प्रभावी होने लगता है। सच परम चैतन्य शक्ति है, जो स्थितियों और व्यक्तियों को समझने योग्य बनाता है।

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