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Radha Swami Satsang Beas: कौन हैं जसदीप सिंह गिल? डेरा ब्यास के बने प्रमुख

राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) एक आध्यात्मिक संगठन है। इस संगठन से लाखों की संख्या में लोग जुड़े हैं। यह डेरा पंजाब में ब्यास नदी के तट पर स्थित है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा का नया प्रमुख जसदीप सिंह गिल को बनाया गया है। आइए इस लेख में जानते हैं जसदीप सिंह गिल और आध्यात्मिक संगठन के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 03 Sep 2024 11:09 AM (IST)
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Radha Swami Satsang Beas: जसदीप सिंह गिल देंगे गुरु दीक्षा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) ने 02 अगस्त को अपना नया उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी है। आध्यात्मिक सत्संग संगठन का नया प्रमुख जसदीप सिंह गिल को बनाया गया है। इससे पहले संगठन के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों थे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अब जसदीप सिंह गिल (Jasdeep Singh Gill) राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) के नए सतगुरु के रूप में आध्यात्मिक नेता की भूमिका निभाएंगे। वह अब गुरु दीक्षा दे सकेंगे। आइए जानते हैं जसदीप सिंह गिल के बारे में विस्तार से।

क्यों बनाया गया है नया प्रमुख

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते कुछ वर्षों से गुरिंदर सिंह ढिल्लों कैंसर की बीमारी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा वह हृदय रोग से भी पीड़ित हैं। इसी वजह से उन्होंने राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Dera Radha Soami) का नया प्रमुख जसदीप सिंह गिल को बनाया गया है।

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कौन हैं जसदीप सिंह गिल

जसदीप सिंह गिल की उम्र 45 साल है। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनके पिता का नाम सुखदेव सिंह गिल है। उन्होंने गिल सिपला में मुख्य रणनीति अधिकारी और वरिष्ठ प्रबंधन कार्मिक के रूप में अपनी भूमिका निभाई है।  

कब हुई राधा स्वामी ब्यास की स्थापना

देश-विदेश में अधिक संख्या में डेरा राधा स्वामी को मानने वाले श्रद्धालु हैं। पंजाब में बाबा जयमल सिंह जी महाराज के द्वारा राधा स्वामी सत्संग की स्थापना साल 1891 में हुई थी। राधा स्वामी सत्संग पंजाब में ब्यास नदी के पास है। बाबा जयमल सिंह जी महाराज जी को वर्ष 1856 में सेठ शिव दयाल सिंह जी महाराज ने गुरु दीक्षा दी थी। यह संगठन विश्वभर के 90 देशों में फैला हुआ है।  

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गुरु दीक्षा के नियम

  • व्यक्ति को गुरु दीक्षा प्राप्त करने के बाद आज्ञाकारी, सदाचारी, और सत्यवादी होना चाहिए।  
  • किसी के प्रति मन में गलत नहीं सोचना चाहिए।  
  • जीवन में गुरु मंत्र का जप करना चाहिए।  
  • गुरु की सेवा सच्चे मन से करनी चाहिए।