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    पीपल के वृक्ष में जड़ से लेकर पत्तियों तक तैंतीस कोटि देवताओं का वास होता है

    हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार पीपल के वृक्ष में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि पीपल के वृक्ष में जड़ से लेकर पत्तियों तक तैंतीस कोटि देवताओं का वास होता है और इसलिए पीपल का वृक्ष प्रात पूजनीय माना गया है।

    By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 14 Sep 2015 12:29 PM (IST)

    हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार पीपल के वृक्ष में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि पीपल के वृक्ष में जड़ से लेकर पत्तियों तक तैंतीस कोटि देवताओं का वास होता है और इसलिए पीपल का वृक्ष प्रात पूजनीय माना गया है।

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    • पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करने से रोग मिट जाते हैं। पीपल के प्रत्येक तत्व जैसे छाल, पत्ते, फल, बीज, दूध, जटा एवं कोपल तथा लाख रोगों के निदान में काम आते हैं।
    • पीपल के अमृतमयी गुण सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पीपल वृक्ष की नित्य तीन बार परिक्रमा करने और जल चढ़ाने पर दरिद्रता, दुख और दुर्भाग्य का विनाश होता है। पीपल के दर्शन -पूजन से दीर्घायु तथा समृद्धि प्राप्त होती है।
    • शनिवार की को पीपल वृक्ष की पूजा और सात परिक्रमा करके काले तिल से युक्त सरसों के तेल के दीपक को जलाकर छायादान करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
    • शनिवार के दिन हनुमान की पूजा करने से सभी तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है।
    • पीपल के वृक्ष में गुड,दूध मिश्रित जल वह सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें तो कभी भी आर्थिक रूप से परेशान नहीं होंगे।
    • सम्पनता के लिए पीपल के पेड़ में जल अवश्य चढ़ाएं। गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं, 'हे पार्थ वृक्षों में मैं पीपल हूं।'