कोई भी शुभ कार्य करने से पहले इन विशेष मुहूर्त का ध्यान रख सकते हैं
कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हम भारतीय मुहूर्त जरूर देखते हैं। मुहूर्त देखने का चलन सदियों से चला आ रहा है। यदि आप स्वयं का व्यवसायिक, औद्योगिक या फिर किसी भी तरह की मशीन को स्थापित करना चाहते हैं तो इन विशेष मुहूर्त का ध्यान रख सकते हैं।
कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हम भारतीय मुहूर्त जरूर देखते हैं। मुहूर्त देखने का चलन सदियों से चला आ रहा है। यदि आप स्वयं का व्यवसायिक, औद्योगिक या फिर किसी भी तरह की मशीन को स्थापित करना चाहते हैं तो इन विशेष मुहूर्त का ध्यान रख सकते हैं।
औद्योगिक मुहूर्त
कुटीर, लघु और भारी उद्योगों के शुभारंभ के लिए अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा नक्षत्र शुभ माने गए हैं।
मशीन स्थापना मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, रवि पुष्य योग और रवि योग में मशीन स्थापना शुभ होता है। इसके अलावा व्यक्ति की चंद्र राशि व गोचर के चंद्रमा को ध्यान में रखते हुए लग्न शुद्धि पर विचार करना चाहिए।
व्यवसायिक मुहूर्त
- मुहूर्त के मूलभूत सिद्धांत वहीं रहते हैं, जो सदियों से चले आ रहे हैं। मुहूर्त लग्न में चंद्रमा 6,8,12 में नहीं होना चाहिए। यानी अगर सरल शब्दों में कहें तो कोई भी शुभ कार्य करते समय शुभ राशि से गोचर का चंद्रमा 4,8,12 में नहीं होना चाहिए।
- चैत्र और पौष माह में कार्य वर्जित माने गए हैं। इसलिए वर्जित योगों व भद्रा आदि में कोई शुभ कार्य आरंभ न करें।
- रिक्ता तिथि यानी 4,9,14 में शुभारंभ नहीं करना चाहिए। मंगलवार और बुधवार छोड़कर सभी वार शुभ रहते हैं।
- लोहा, कोयला और ज्योतिष कार्य शनिवार को भी किया जा सकता है।
- नई दुकान, शोरूम व कार्यालय खोलने के लिए अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद व रेवती नक्षत्र शुभ हैं।
नोटः आलेख में दी गई जानकारी को किसी विद्वान ज्योतिषी के परामर्श लेकर ही आजमाएं।
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