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    भृगु संहिता एक ऐसा ग्रंथ जिसमें कई जन्मों के राज व ज्योतिष संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध है

    इस शास्त्र से प्रत्येक व्यक्ति की तीन जन्मों की जन्मपत्री बनाई जा सकती है। प्रत्येक जन्म का विवरण इस ग्रंथ में दिया गया है। यहां तक कि अजन्मे शिशु का भविष्य बताने में भी यह ग्रंथ समर्थ है

    By Priti JhaEdited By: Priti JhaUpdated: Thu, 02 Mar 2017 09:24 AM (IST)
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    कई जन्मों का राज खोलती है भृगु संहिता

    भृगु संहिता एक ऐसा ग्रंथ या पुस्तक है जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारी उपलब्ध है। इस संहिता में कुंडली के लग्न के अनुसार बताया गया है व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा? कई जन्मों का राज खोलती है भृगु संहिता। अगर आपको अपने पिछले कई जन्मों के बारे में जानना है तो होशियापुर की 'भृगुअन दी गली' जरूर जाइए यहां रखी पांच हजार साल पुरानी भृग संहिता आपके कई जन्मों की राज खोल देगी।

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    पंजाब में लगभग 5 हजार साल पुरानी ज्योतिष परंपरा आज तक फल-फूल रही है। इसे मानने वाले देश ही नहीं, कई देशों के लोग हैं, जो भारत आने पर इसका लाभ लेने से नहीं चूकते। राजनीतिज्ञ से लेकर फिल्म अभिनेता तक ज्योतिषियों की गली आकर अपना भूत-भविष्य पता कर चुके हैं। पंजाब के रेलवे मंडी इलाके में एक पता पूछने पर आपको शायद ही कोई जवाब दे, लेकिन अगर आप 'भृगु' नाम लें तो झटपट पते का इशारा मिल जाएगा। भृगु शास्त्री को ढूंढने वालों के लिए 'भृगुअन दी गली' (भृगु ज्योतिषियों का रास्ता) ही मंजिल है। यहां तक पहुंचने वालों में देश के विभिन्न हिस्सों के लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी भी शामिल हैं।

     तकनीक के इस दौर में आधुनिक ज्योतिषियों द्वारा इंटरनेट से भीषण चुनौतियां मिलने के बावजूद ये 'भृगु संहिता' पर ही भरोसा करते हैं.। भृगु संहिता लगभग 5 हजार साल पुराना एक धार्मिक ग्रंथ है। जिसे ऋषि भृगु ने लिखा था। ग्रंथ को एक स्टोर रूम में रखा गया है और वह कई टन वजनी है। उपलब्ध पृष्ठों के लिए एक सूचकांक तैयार किया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित हिस्से को देखा जा सके। जब कोई व्यक्ति भृगु शास्त्री को अपना नाम, जन्म तिथि, माता-पिता का नाम जैसी जानकारियां देता है, उसके बाद भृगु संहिता में उससे संबंधित जानकारियां ढूंढी जाती हैं। जब नाम मिल जाता है, तो व्यक्ति को बुलाया जाता है और उसे उसका अतीत और भविष्य बताया जाता है।

    कहते हैं कि भाग्य या किस्मत का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। सुख-दुख, सफलता-असफलता, अमीरी-गरीबी सभी को अक्सर भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि शास्त्र कहते हैं कि भाग्य बड़ा प्रबल है, मगर पुरुषार्थ द्वारा भाग्य को भी बदला जा सकता है। भृगु संहिता एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारियां दी गई हैं। इसकी रचना ऋषि भृगु ने की थी। इसमें कुंडली के लग्न के अनुसार बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा।

    सभी लोग जानना चाहते हैं कि हमारा अच्छा समय कब आएगा? कब हमारे पास बहुत सारा पैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तर भृगु संहिता में बताए गए हैं। यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारियां दी गई हैं। इस संहिता में कुंडली के लग्न के आधार पर भी बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब हो सकता है। ऋषि भृगु की ख्याति एक ऐसे कालातीत भविष्यवक्ता के रूप में है जो भूत, भविष्य और वर्तमान पर समान दृष्टि रखते थे। वह समय की मोटी दीवार के आर-पार ऐसे देख सकते थे जैसे किसी पारदर्शी कांच में से देख रहे हों। उन्होंने प्रमाणित किया है कि कुंडली के लग्न को देखकर मालूम किया जा सकता है कि किस संभावित उम्र में व्यक्ति को भाग्य का साथ और धन का सुख मिल सकता है।

    इस शास्त्र से प्रत्येक व्यक्ति की तीन जन्मों की जन्मपत्री बनाई जा सकती है। प्रत्येक जन्म का विवरण इस ग्रंथ में दिया गया है। यहां तक कि अजन्मे शिशु का भविष्य बताने में भी यह ग्रंथ समर्थ है। भृगु संहिता ज्योतिष का एक विशाल ग्रंथ है। इसकी कुछ मूल प्रतियां आज भी सुरक्षित हैं।