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    ध्यान व एकाग्रता से मानसिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Tue, 04 Oct 2016 10:41 AM (IST)

    मन की शक्ति को ध्यान की शक्ति से बढ़ाया जा सकता है। एकाग्रता की शक्ति आपकी योग्यता एवं कुशलता को बढ़ाती है।

    ध्यान व एकाग्रता से मानसिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है

    जब मनुष्य किसी योजना पर काम करना शुरू कर दे तो उसे असफलता का डर अपने दिलोदिमाग से निकाल देना चाहिए और कभी भी शुरू किए कार्य को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। जो लोग पूरे मनोयोग से अपने कार्य को अंजाम देते हैं, अंतत: वे ही सफलता प्राप्त करते हैं। मनोयोगी व्यक्ति अपनी ऊर्जा को अन्यत्र नहीं जाने देता।
    कार्य को सफलतापूर्वक करने की जो तत्कालिक खुशी व्यक्ति को मिलती है वही उसका इनाम है। इसलिए कार्य को पूर्णता से करने पर भी यदि व्यक्ति को किसी कारण से सफलता नहीं मिलती तो वह इतना दुख नहीं देती है जितना बेमन से किए गए कार्य को करने के बाद मिलने वाली असफलता से दुख महसूस होता है। व्यक्ति के मन में यह कसक रहती ही है कि हमने पूरे मनोयोग से काम नहीं किया। सफलता के लिए हमें एकाग्रचित्त होकर अपना सब कुछ दांव पर लगाना होता है, इसलिए मनोयोग व मनोबल से किया कर्म सार्थक परिणाम देता है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है वैसा वह बन जाता है। व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे। हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है, इसलिए विश्वास की शक्ति को पहचानें।
    महाभारत के एक प्रसंग के दौरान जब द्रोणाचार्य अपने शिष्यों को चिड़िया की आंख पर निशाना लगाने के लिए कहते हैं तो किसी शिष्य को पेड़ दिखाई देता है, किसी को शाखाएं, जबकि कुछ ने केवल चिड़िया को देखा। सिर्फ अजरुन ने कहा कि उसे सिर्फ चिड़िया की आंख दिखाई दे रही है। इस प्रकार केवल अजरुन ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। इसी तरह अपनी प्रगाढ़ रुचि के कारण ही एकलव्य ने मिट्टी से निर्मित द्रोणाचार्य की प्रतिमा से सीख ली थी। किसी लक्ष्य के प्रति पूर्णरूपेण ध्यान देना ही एकाग्रता है। एकाग्र मन किसी अन्य गतिविधि में व्यस्त नहीं हो सकता। एकाग्रता का अर्थ यह है कि अपनी संपूर्ण ऊर्जा और मन को इच्छित दिशा में केंद्रित करना। ध्यान व एकाग्रता से मानसिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है ओर उसका उपयोग किया जा सकता है। जब मन की शक्ति बिखरी हुई हो तो आप इसे सफलता की दिशा में इस्तेमाल नहीं कर सकते। मन की शक्ति को ध्यान की शक्ति से बढ़ाया जा सकता है। एकाग्रता की शक्ति आपकी योग्यता एवं कुशलता को बढ़ाती है।

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