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    जीवन में मुस्कराहट एक ऐसा भाव है जो मृत्यु तक व्यक्ति के पास रहता है

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Tue, 15 Nov 2016 11:00 AM (IST)

    मुस्कराहट से जीवन निखरता है, व्यक्तित्व निखरता है और सफलता की घंटियां आपके द्वार पर बजने लगती हैं। तो फिर मुस्कराइए और जीवन में खुशियां लाइए।

    जीवन में मुस्कराहट एक ऐसा भाव है जो मृत्यु तक व्यक्ति के पास रहता है

    ईश्वर हर चित्र में मुस्कराते हुए नजर आते हैं। मासूम शिशु की मुस्कराहट बरबस ही हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है। मुस्कराते हुए जीवन की कल्पना अत्यंत सुखद लगती है। हंसना-मुस्कराना और चहचहाना जीवन के नवरसों में शामिल हैं। हर भाव व्यक्ति के व्यक्तित्व को बयां करता है। मुस्कराता हुआ चेहरा, मुस्कराते हुए भाव हर किसी को कठिन से कठिन परिस्थिति में भी मुस्कराने को तो विवश कर ही देते हैं।
    जीवन में मुस्कराहट एक ऐसा भाव है जो मृत्यु तक व्यक्ति के पास रहता है। तनाव, परेशानी और चिंता जहां व्यक्ति को दर्द देते हैं वहीं मुस्कराहट व्यक्ति के तन-मन को प्रफुल्लित कर देती है। प्रसिद्ध विचारक स्टर्न ने कहा था कि ‘मुङो विश्वास है कि प्रत्येक व्यक्ति जब हंसता है, मुस्कराता है तो वह हंसी के साथ-साथ अपने जीवन में भी वृद्धि करता है।’ मुस्कराहट से व्यक्ति न सिर्फ अपने लक्ष्य को सहजता से पा सकता है, अपितु अपने जीवन को भी स्वस्थ, गरिमामय व लंबा बना सकता है। मुस्कराहट मन की मलिनता, दुख और अवसादों को हृदय से उसी प्रकार निकाल देती है जिस प्रकार तेज साफ पानी का बहाव रुके हुए गंदले पानी को तीव्रता से धकेल देता है। जब व्यक्ति मुस्कराता है तो उसके शरीर के स्नायु, नसें, मांसपेशियां सामान्य क्रिया करने लगती हैं। शरीर की विभिन्न ग्रंथियां सक्रिय होकर पर्याप्त स्राव करने लगती हैं।
    डॉक्टर भी वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध कर चुके हैं कि मुस्कराने व हंसने से फेफड़ों में रक्त-संचार की गति को बल मिलता है और श्वास-नलिका भी स्वस्थ और निरोग होकर सामान्य गति से क्रिया करने लगती है। मुस्कराने से व्यक्ति के अंदर ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। रक्त का शोधन भी अच्छी तरह से हो पाता है। जीवन में मुस्कराहट एक खूबसूरत पुष्प की सुगंध की भांति है जो जहां-जहां भी जाएगी वहां-वहां उस आंगन को महकाएगी। वर्तमान में भागदौड़ भरे जीवन में ऐसा लगता है कि लोग मुस्कराना भूल गए हैं। हर पल तनाव, चिंता, रुपया कमाने की होड़ और अनेक प्रतिस्पर्धाओं ने जीवन में कृत्रिमता को बढ़ाकर प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर दिया है। जीवन से यदि मुस्कराहट खत्म होने लगे तो जीवन में संध्या का आगमन समझो। इसलिए जरूरी है प्राकृतिक हाव-भावों को अपने व्यक्तित्व में बचाए रखना। मुस्कराहट से जीवन निखरता है, व्यक्तित्व निखरता है और सफलता की घंटियां आपके द्वार पर बजने लगती हैं। तो फिर मुस्कराइए और जीवन में खुशियां लाइए।

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