Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी पर इन खास नियमों का पालन है जरूरी, न करें अनदेखा
योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की खास पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साल योगिनी एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी। ऐसे में इस दिन कठिन उपवास का पालन करें और पूजा-अर्चना करें। वहीं इस तिथि से जुड़ी कुछ बातों का जानना बेहद जरूरी है तो चलिए जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि बहुत पुण्यदायी मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस व्रत का पालन लोग लंबे समय से कर रहे हैं। कहा जाता है कि जो जातक इस दिन का उपवास रखते हैं उन पर श्री हरि की विशेष कृपा होती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
इस साल यह (Yogini Ekadashi 2024) एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए, तो आइए जानते हैं।
योगिनी एकादशी व्रत से पहले करें ये 4 काम
- योगिनी एकादशी से ठीक एक दिन पहले यानी दशमी तिथि को घर की साफ-सफाई अच्छे से करें और स्वयं को भी पूर्ण रूप से स्वच्छ रखें।
- रात्रि को सात्विक भोजन करें। तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज, मांसाहार, मसूर, चना, उड़द आदि के सेवन से बचें।
- सोने से पहले दांतों को साफ कर लें।
- सोने से पूर्व श्री हरि का ध्यान करें।
इन खास नियमों का करें पालन
- व्रती ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पूजा कक्ष साफ करें।
- व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- दिनभर श्री हरि के ध्यान और जाप में लीन रहें।
- किसी की निंदा करने से बचें।
- व्रती फल, कुश, साबूदाना, दूध, दही आदि का सेवन कर सकते हैं।
- एकादशी के दिन साबुन का उपयोग न करें।
- तामसिक चीजों से परहेज करें।
- इस तिथि पर दान-पुण्य अवश्य करें।
- इस दिन काम, झूठ, क्रोध, बुराई करने से बचना चाहिए।
- एकादशी के दिन श्री हरि का भजन-कीर्तन करवाना शुभ माना जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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