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    Yogini Ekadashi 2024: पूरे साल बरसेगी कृपा, सभी कार्य होंगे सिद्ध, श्री हरि को चढ़ाएं ये पुष्प

    Updated: Mon, 01 Jul 2024 01:13 PM (IST)

    योगिनी एकादशी का व्रत बहुत कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन साधक भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इस साल योगिनी एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी जो बेहद शुभ मानी जा रही है।

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    Yogini Ekadashi 2024: विष्णु भगवान को अर्पित करें ये फूल -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह शुभ दिन पूरी तरह से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जो हर माह में दो बार एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष के दौरान आती हैं। इस साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Yogini Ekadashi 2024) 2 जुलाई, 2024 को मनाई जाएगी।

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    विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए अर्पित करें ये फूल

    कमल का पुष्प

    योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को कमल का पुष्प चढ़ाना अति शुभ माना जाता है, क्योंकि यह देवी लक्ष्मी का प्रिय फूल और आसन है। वहीं, जो लोग इस शुभ तिथि पर श्री हरि को यह पुष्प चढ़ाते हैं, उन्हें धन की स्वामिनी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में शुभता आती है।

    गेंदा का पुष्प

    एकादशी तिथि पर श्री हरि को गेंदे का फूल अवश्य चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्री हरि को एकादशी के दिन गेंदे का फूल चढ़ाने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके साथ ही परिवार की उन्नति होती है।

    कदंब का पुष्प

    योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को कदंब का फूल अवश्य अर्पित करना चाहिए। कहा जाता है कि इसमें राधा रानी और श्रीकृष्ण का वास होता है। ऐसे में जो जातक इस शुभ तिथि पर श्री नारायण को कदंब का फूल चढ़ाते हैं, उनका जीवन मंगल कार्यों से परिपूर्ण होता है। साथ ही उनके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। इसके अलावा दांपत्य जीवन भी सुखी रहता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।