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    Yashoda Jayanti Katha: श्री हरि ने क्या दिया था माता यशोदा को वरदान, पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी प्रचलित कथा

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 04 Mar 2021 08:36 AM (IST)

    Yashoda Jayanti Katha आज यशोदा जयंती है। मान्यता है कि आज के दिन मां यशोदा का जन्म हुआ था। शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से मां यशोदा का जन्म हुआ था।

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    Yashoda Jayanti Katha: श्री हरि ने क्या दिया था माता यशोदा को वरदान, पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी प्रचलित कथा

    Yashoda Jayanti Katha: आज यशोदा जयंती है। मान्यता है कि आज के दिन मां यशोदा का जन्म हुआ था। शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से मां यशोदा का जन्म हुआ था। इनका जन्म ब्रज में स्थित सुमुख नाम के गोप और उनकी पत्नी पाटला के यहां हुआ था। मां यशोदा का विवाह ब्रज के राजा नंद से संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि पिछले जन्म में नंद, द्रोण थे। मान्यताओं के अनुसार, मां देवकी ने श्रीकृष्ण को जन्म दिया था लेकिन उनका लालन-पोषण मां यशोदा ने किया था। कृष्ण के पिता वासुदेव ने कृष्ण जी के पैदा होते ही उन्हें कंस से बचाने के लिए गोकुल में नंद बाबा के पास छोड़ दिया था। इसलिए कृष्ण जी को मां यशोदा की माता के रूप में जाना जाता है।

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    माता यशोदा के जीवन से जुड़ी एक कथा बेहद प्रचलित है जिसके बारे में शायद हर कोई नहीं जानता है। ऐसे में जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको माता यशोदा की एक प्रचलित कथा सुना रहे हैं। आइए पढ़ते हैं मां यशोदा की पौराणिक कथा।

    कथा के अनुसार, माता यशोदा ने अपने पूर्व जन्म में भगवान विष्णु की तपस्या की थी। विष्णु जी उनकी तपस्या से बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें वर मांगने को कहा। तब मां यशोदा ने कहा कि मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे पुत्र के रूप में प्राप्त होंगे। तब श्री हरि ने कहा कि वो माता देवकी और वासुदेव के घर जन्म लेंगे। लेकिन मातृत्व का सुख मुझे आपसे ही प्राप्त होगा। इसके बाद समय के साथ ऐसा ही हुआ, माता यशोदा ने ही श्रीकृष्ण को मातृत्व सुख दिया।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'