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    यमुना नदी, यमराज की बहन है

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Thu, 10 Mar 2016 03:42 PM (IST)

    हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यमुना नदी, यमराज की बहन है। जिसका नाम यमी भी है। यमराज और यमी के पिता सूर्य हैं। यमुना नदी का जल पहले साफ, कुछ नीला, कुछ सांवला था, इसलिए इन्हें 'काली गंगा और 'असित' भी कहते हैं। असित एक ऋषि थे। सबसे पहले यमुना

    हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यमुना नदी, यमराज की बहन है। जिसका नाम यमी भी है। यमराज और यमी के पिता सूर्य हैं। यमुना नदी का जल पहले साफ, कुछ नीला, कुछ सांवला था, इसलिए इन्हें 'काली गंगा और 'असित' भी कहते हैं। असित एक ऋषि थे। सबसे पहले यमुना नदी को इन्होंने ही खोजा था। तभी से यमुना का एक नाम 'असित' संबोधित किया जाने लगा।

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    यमुना जिसे यमुनोत्री भी कहा जाता है। यह नदी उत्तरकाशी से 30 किमी उत्तर, गढ़वाल से निकली है। और अंत में इलाहाबाद में गंगा नदी से मिल जाती है। जहां यह त्रिवेणी(गंगा, सरस्वती, जमुना या यमुना) कहलाती है। यमुना की सहायक नदियां चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बेतवा और केन हैं। यमुना के तटवर्ती नगरों में दिल्ली और आगरा के अतिरिक्त इटावा, काल्पी, हमीरपुर और प्रयाग मुख्य है।

    जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण को ब्रज संस्कृति का जनक कहा जाता है, ठीक उसी तरह यमुना को जननी का स्थान दिया गया है। ब्रह्म पुराण में उल्लेखित है कि, 'जो सृष्टि का आधार है और जिसे लक्ष्णों से सच्चिदनंद स्वरुप कहा जाता है, उपनिषदों ने जिसका ब्रह्म रुप से गायन किया है, वही परमतत्व साक्षात् यमुना है।'

    दिल्ली में यमुना : सदियों से कल-कल बहती यमुना दिल्लीवासियों की जल की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। दिल्ली से चलकर यमुना दनकौर के स्थान पर हिंडन नदी को अपने साथ ले लेती है। फिर पंजाब और उत्तरप्रदेश की सीमा बनती है। एक ओर गुड़गांव, दूसरी ओर बुलन्दशहर। उसके बाद मथुरा में प्रवेश करती है। मथुरा के साथ युगों का इतिहास जुड़ा हुआ है।

    प्राचीन समय में यह क्षेत्र शूरसेन जनपद कहलाता है। यहीं यदु के वंशवाले यादव बसे। यहीं शत्रुघ्न ने लवणासुर को मारकर राम-राज्य स्थापित किया। यहीं कृष्ण हुए, वही कृष्ण, जिन्होंने यादव-संघ की रक्षा की वही कृष्ण कन्हैया, जिसके चरित्र से ब्रजभूमि धन्य हो गई थी। जो आज भी है।

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