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    Sleeping Astrology: वर्ल्ड स्लीप डे आज, जानिए शास्त्रों में क्या है सोने का सही नियम

    सोना भी व्यक्ति की दिनचर्या का एक जरूरी हिस्सा होता है। हिंदू शास्त्रों में सोने के सही नियमों का वर्णन किया गया है जिनका ध्यान रखने पर व्यक्ति को स्वास्थ्य में लाभ देखने को मिल सकता है। ऐसे में आइए वर्ल्ड स्लीप डे के अवसर पर जानते हैं कि हिंदू शास्त्रों में सोने के क्या नियम बताए गए हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 15 Mar 2024 10:05 AM (IST)
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    Sleeping Astrology शास्त्रों के अनुसार सोने का सही नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tips for sleeping: सोना एक जरूरी प्रक्रिया है। अच्छी नींद व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य को भी दर्शाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी माना गया है, क्योंकि यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ी होती है। हर साल मार्च महीने के तीसरे शुक्रवार को विश्व नींद दिवस यानी वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। ऐसे में आज यानी 15 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि हिंदू शास्त्र सोने के बारे में क्या कहते हैं।  

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    सोने की सही दिशा

    वास्तु शास्त्र में माना गया है कि, सोते समय कभी भी अपने पैर पूर्व या फिर दक्षिण दिशा में नहीं रखने चाहिए। वहीं उत्तर और पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से रोगों में वृद्धि होती है और व्यक्ति की आयु घटने लगती है। ऐसे में सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि सोते समय अपने पैर दरवाजे की तरफ नहीं रखने चाहिए, वरना आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

    कैसा होना चाहिए बिस्तर

    शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन मिलता है कि व्यक्ति की शय्या यानी बिस्तर किस प्रकार का होना चाहिए। व्यक्ति को कभी भी टूटी हुई, बहुत बड़ी या बहुत छोटी, बहुत ऊंची, मैली शय्या पर नहीं सोना चाहिए। हमेशा साफ बिछावन पर ही सोना चाहिए।

    सोने का सही समय

    शास्त्रों में वर्णन किया गया है कि कभी भी सूर्यास्त के तुरंत बाद और गोधूलि बेला में नहीं सोना चाहिए। वहीं, रात्रि के पहले प्रहर में सोना सबसे अच्छा माना जाता है। वहीं, उठने के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त को माना जाता है। इसके साथ ही दिन के समय में सोना भी सही नहीं माना जाता। इससे कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'