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    क्या पद्मा और सरस्वती की तरह स्वर्ग लौट जाएंगी मां गंगा, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र?

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Tue, 23 May 2023 09:41 AM (IST)

    हिंदू धर्म में मां गंगा को मोक्षदायिनी के रूप में पूजा जाता है। आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है। लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि कुछ ही समय में मां गंगा लुप्त हो जाएंगी।

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    क्या धरती छोड़कर लुप्त हो जाएंगी मां गंगा, जानिए क्या कहते हैं वेद एवं पुराण?

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क; सनातन संस्कृति में मां गंगा को मोक्षदायिनी कहा गया है। वेद एवं पुराणों में मां गंगा के जन्म से जुड़ी कई कथाएं वर्णित हैं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां गंगा का पृथ्वी पर आगमन मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था। इसलिए आध्यात्मिक मान्यता है कि मां गंगा में डुबकी लगाने से तन और मन पवित्र हो जाता है और साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। वैदिक ग्रन्थ एवं पुराणों में बताया गया है कि मां गंगा की अविरल धारा भगवान शिव की जटाओं से निकलती है, जिस वजह से शास्त्रों में मां गंगा को शम्भुमौलिविहारिणी के नाम से संबोधित किया गया है।

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    भगवान ब्रह्मा के कमंडल से उत्पन्न हुई थी मां गंगा

    किंवदंतियों के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन रूप अपनाकर अपना पैर आकाश की ओर उठाया था तब ब्रह्मा जी ने उनके चरण धोकर जल को अपने कमंडल में भर लिया था। जल के तेज से मां गंगा का जन्म हुआ था। इसके बाद ब्रह्मा जी ने गंगा को पर्वतराज हिमालय को सौंप दिया और इस तरह माता पार्वती और मां गंगा एक दूसरे की बहन बनीं।

    इस तरह शिव की जटाओं से निकलती है गंग धारा

    शिव पुराण में बताया गया है कि मां गंगा भगवान शिव को पति स्वरूप में पाना चाहती थीं। शिव जी को प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक उन्होंने घोर तपस्या की और तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें साथ रहने का वरदान दिया। लेकिन मां गंगा का वेग इतना था कि उनके जल प्रवाह के आगे पृथ्वी पर त्राहिमाम मच गया। तब भगवान शिव ने गंगा को जटाओं में समा लिया। मान्यता है कि वर्तमान समय में अविरल बहती गंगा भगवान शिव की जटाओं से ही निकल कर आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार, कुछ ही समय में मां गंगा स्वर्गलोक पुनः लौट जाएंगी?

    पृथ्वी छोड़कर स्वर्ग चली जाएंगी मां गंगा

    श्रीमद्देवीभागवत पुराण की कथा में बताया गया है वर्तमान समय में चल रहे कलयुग के 5000 वर्ष पूरे होने पर मां गंगा पृथ्वी से लौटकर वापस स्वर्ग चली जाएंगी और कलयुग ने अपना यह समय पूरा कर लिया है। श्रीमद्देवीभागवत की मानें तो कुछ ही समय में मां गंगा को स्वर्ग वापस लौट जाएंगी। इस बात को न केवल शास्त्रों में बताया गया है, बल्कि इस बात को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सत्य माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीते कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि जिस गोमुख ग्लेशियर से मां गंगा की अविरल धारा निकलती है, वह लुप्त होने की कगार पर है। इसे गंगा के लुप्त होने का सूचक माना जा रहा है।

    पद्मा, सरस्वती की भांति स्वर्ग लौट जाएंगी मां गंगा

    श्रीमद्देवीभागवत पुराण की कथा के अनुसार, एक बार मां गंगा और सरस्वती के बीच में नोक झोंक हो गई थी। तब मां लक्ष्मी ने बीच-बचाव करने के आ गईं। इससे क्रोधित होकर गंगा ने लक्ष्मी जी को पृथ्वी पर पद्मा नदी बनकर रहने का श्राप दे दिया। इससे देवी लक्ष्मी पद्मा नदी के रूप में पृथ्वी पर आई। श्राप के कारण गंगा और सरस्वती को भी पृथ्वी पर आना पड़ा। जब भगवान विष्णु को जब नारद मुनि से इस घटना के विषय में पता चला, तब उन्होंने कहा कि कलयुग 5000 पूरे होने पर धरती से धर्म का लोप होने लगेगा। जिससे तीनों देवियों को स्वर्ग लौटना होगा। यह जानकर आश्चर्य होगा कि पद्मा और सरस्वती नदी पहले ही लुप्त हो चुकी हैं। 

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।