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    Why Women Wear Toe Ring: शादी के बाद महिलाएं क्यों पहनती हैं बिछिया? जानिएं इसके पीछे के धार्मिक कारण

    By Jagran NewsEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Fri, 12 May 2023 10:57 AM (IST)

    शादी के बाद बिछिया महिला की सुंदरता में चार चांद लगा देती है। पौराणिक काल से बिछिया पहनने का प्रचलन है। पर क्या आप जानते हैं कि शादी के बाद बिछिया क्यों पहनी जाती है। आइए जानते हैं इसके पीछे के धार्मिक व वैज्ञानिक कारण।

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    Why Women Wear Toe Ring- शादी के बाद महिलाएं क्यों पहनती हैं बिछिया।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Why Women Wear Toe Ring: हिंदू धर्म में शादी के बाद महिला द्वारा पैरों में चांदी की बिछिया पहनने का रिवाज है। यह सुहाग की निशानियों में से एक मानी जाती है। इसे दुल्हन के सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना गया है। बिछिया पहनने से सुहागन स्त्री की सुंदरता तो बढ़ती ही है साथ ही इसके कुछ शारीरिक लाभ भी हैं।

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    सुखमय बीतता है वैवाहिक जीवन

    ज्योतिष के अनुसार यह मान्यता है कि बिछिया पहनने से वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत होता है। पति पत्नी में अच्छे संबंध बने रहें इसके लिए पत्नी को पैर की दूसरी और तीसरी उंगली में बिछिया पहननी चाहिए।

    रामायण काल मौजूद है बिछिया

    रामायण काल से बिछिया का अस्तित्व है। इसका प्रमाण इससे मिलता है कि जब रावण सीता का हरण करके ले जा रहा था, तब सीता ने बिछिया को निशानी के तौर पर फेंक दिया था ताकी राम उन्हें ढूंढ सकें।

    बनी रहती है मां लक्ष्मी की कृपा

    चांदी को शरीर के लिए एक अच्छा धातु माना गया है। बिछिया पहनने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बनाए रखती हैं। साथ ही बिछिया पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

    मजबूत होता है चंद्रमा

    महिलाओं को चांदी की बिछिया पैर की मध्यमा उंगली में पहननी चाहिएं। चांदी में पृथ्वी की ध्रुवीय ऊर्जा को अवशोषित करने की क्षमता होती है और ये चंद्रमा की धातु मानी जाती है। इससे आपका चंद्रमा मजबूत होता है।

    ये हैं वैज्ञानिक कारण

    पांव की बीच की तीन उंगलियों की नस महिलाओं के गर्भाशय और दिल से संबंध रखती हैं। दोनों पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनने से प्रजनन क्षमता मजबूत होती है। इससे गर्भाशय का ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है।

    Writer - Suman Saini

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'