Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haldi ki Rasam: जानें क्यों नई नवेली दुल्हन मुख्य द्वार पर लगाती है हल्दी की छाप?

    Haldi ki Rasam ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली के सातवें भाव से विवाह की गणना की जाती है। इसे विवाह भाव या जीवनसाथी का भाव भी किया जाता है। वहीं नवम भाव भाग्य का और एकादश भाव आय का होता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 20 Jun 2023 04:09 PM (IST)
    Hero Image
    Haldi ki Rasam: जानें क्यों नई नवेली दुल्हन मुख्य द्वार पर लगाती है हल्दी की छाप?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Haldi ki Rasam: हिन्दू धर्म में विवाह को पवित्र कर्म कांड माना गया है। अतः विवाह पर उत्सव जैसा माहौल रहता है। इस अवसर पर रीति रिवाजों के अंतर्गत विवाह संपन्न होता है। इसमें वर और वधु दोनों पक्षों की तरफ से शास्त्रों में निहित नियमों का पालन किया जाता है। ये नियम न केवल शादी से पहले और शादी के समय किए जाते हैं, बल्कि शादी के पश्चात भी कई नियम किए जाते हैं। इनमें एक नियम विवाह उपरांत वधु द्वारा अपने ससुराल में गृह प्रवेश के समय किया जाता है। इसमें दुल्हन हल्दी की छाप मुख्य द्वार पर लगाती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्यों लगाती है हल्दी की छाप?

    ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली के सातवें भाव से विवाह की गणना की जाती है। इसे विवाह भाव या जीवनसाथी का भाव भी किया जाता है। वहीं, नवम भाव भाग्य का और एकादश भाव आय का होता है। भाग्य भाव और एकादश भाव में शुभ ग्रहों के रहने पर वर और वधु का वैवाहिक जीवन सुखमय बीतता है। वधु को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। वहीं, जगत के पालनहार भगवान विष्णु और सुख के कारक देवगुरु बृहस्पति को हल्दी अति प्रिय है। हल्दी सौभाग्य का प्रतीक है।

    अतः सभी शुभ और मांगलिक कार्यों में हल्दी का उपयोग किया जाता है। इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से मांगलिक कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके लिए विवाह उपरांत दुल्हन के गृह प्रवेश से पूर्व दुल्हन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी की छाप लगाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा-दृष्टि घर पर बनी रहती है। इससे जीवनसाथी के आय और भाग्य में भी वृद्धि होती है। वहीं, पति-पत्नी के मध्य रिश्ते भी मधुर रहते हैं।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।