Surya Grahan 2020: क्यों होता है सूर्यग्रहण, सीधे क्यों नहीं देखना चाहिए ग्रहण
Surya Grahan 2020 जब पृथ्वी चंद्रमा व सूर्य एक सीधी रेखा में आते हैं और सूर्य को चांद ढक लेता है। इससे सूर्य का प्रकाश हो जाता है एवं अंधेरा छाने लगता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

Surya Grahan 2020: जब पृथ्वी चंद्रमा व सूर्य एक सीधी रेखा में आते हैं और सूर्य को चांद ढक लेता है। इससे सूर्य का प्रकाश हो जाता है एवं अंधेरा छाने लगता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ऐसे में वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा नजर आएगा। इसके चलते सूर्य आधार ढंक जाएगा।
सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से नहीं देखने की सलाह:
ज्योतिषाचार्य अनीस व्यास के मुताबिक सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से नहीं देखने की सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से काफी हानिकारक सोलर रेडिएशन निकलते हैं जिससे कि आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते हैं। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चांद पृथ्वी से बेहद दूर रहने हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आ जाता है। जिससे चांद सूर्य की आधे से ज्यादा रोशनी को रोक लेता है।
सूर्य ग्रहण की पौराणिक कथा:
मत्स्यपुराण की कथानुसार, जब समुद्र मंथन से अमृत निकला था तो राहु नाम के दैत्य ने देवताओं से छिपकर उसे पी लिया था। यह होते हुए सूर्य और चंद्रमा दोनों ने देख लिया था। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी। यह सुन विष्णु जी को बहुत क्रोध आ गया। उन्होंने राहु के इस अन्यायपूर्ण कृत के चलते उसे मृत्युदंड देने के लिए उस पर सुदर्शन चक्र से वार किया। ऐसा करने पर राहु का सिर उसके धड़ से अलग हो गया। लेकिन उसने अमृतपान किया हुआ था जिसके चलते उसकी मृत्यु नहीं हुई। वहीं, राहु ने सूर्य और चंद्रमा से प्रतिशोध लेने के लिए दोनों पर ग्रहण लगा दिया। इसे ही आज सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के नाम से जाना जाता है।
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