ऐसे शुरू हुई Tirupati Balaji में बालों को दान करने की परंपरा, रहस्यमयी है वजह
भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर है जो आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमाला पर्वत पर स्थित है। तिरुपति बालाजी का यह पवित्र धाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी को समर्पित है। इस पवित्र धाम में वह अपनी पत्नी पद्मावती के साथ वास करते हैं कहते हैं कि इस धाम (Tirupati Balaji Temple) में एक बार दर्शन करने से सभी पापों का अंत हो जाता है।

धर्म डेस्क,नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर में बाल दान करने की परंपरा काफी पुरानी है। एक समय की बात है, एक बार भगवान वेंकटेश्वर नीलाद्रि पर्वत पर सो रहे थे। तब देवी नीलाद्रि वहां पहुंचीं और उन्होंने यह देखा कि वेंकटेश्वर जी के सिर पर एक धब्बा है, जिसे ढकने के लिए उन्होंने अपने बालों को खींच लिया और उसे भगवान के सिर पर लगा दिया ताकि उनकी सुंदरता और भी ज्यादा निखर सके। जब जगत के स्वामी उठे और उन्होंने देखा कि उनके उस स्थान पर बाल हैं, जहां एक धब्बा था। वहीं, दूसरी ओर नीलाद्री के सिर पर खून निकल रहा था।
यह देखकर उन्होंने अपने बालों को वापस दे दिया, लेकिन नीलाद्रि ने उसे स्वीकार नहीं किया और कहा, ''भविष्य (Tirupati Balaji Temple) में भक्तों द्वारा बालों का दान किया जाएगा, जिससे उनके सभी पाप और कष्ट दूर हो जाएंगे। साथ ही उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी''।
इसलिए भी तिरुपति बालाजी में दान किए जाते हैं बाल (Tirupati Balaji Temple Facts)
इसके अलावा एक दूसरी कथा के अनुसार, प्राचीन काल में भगवान बालाजी की मूर्ति पर चीटियों का एक पहाड़ बन गया था। उस पहाड़ पर रोजाना एक गाय आती थी और दूध देकर वहां से चली जाती थी, जिससे गाय का मालिक गुस्से में आ गया और उसने कुल्हाड़ी से गाय को मार दिया। इस हमले के दौरान बालाजी के सिर पर भी चोट आ गई और उनके सिर के बाल भी गिर गए।
यह देखकर उनकी माता नीला देवी ने अपने सिर के बालों को वेंकटेश्वर जी (Tirupati Balaji Donation History) के सिर पर रख दिया। इससे उनकी चोट तुरंत ही सही हो गई है।
साथ ही ऐसा करने वेंकटेश्वर भगवान बहुत प्रसन्न हो गए और उन्होंने कहा, ''जो बाल व्यक्ति के शरीर की सुंदरता को पूर्ण करते हैं और आपने उसे मेरे लिए उनका बिना सोचे त्याग कर दिया। आज से अगर कोई भक्त मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, मैं उसे मनचाहा फल प्रदान करूंगा।'' तभी से आज तक बालाजी मंदिर में बाल दान करने की परंपरा चली आ रही है।
वहीं, यहां मंदिर में दान किए गए बालों (Hair Donation) से हेयर विग और हेयर एक्सटेंशन बनाए जाते हैं, जिसे बेच दिया जाता है और इससे मिली कमाई को मंदिर की चैरिटेबल चीजों में लगाया जाता है और लोगों की मदद की जाती है।
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