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    Why Not Gift God Idols: हर किसी को उपहार में क्यों नहीं देनी चाहिए भगवान की मूर्ति, जानिए कारण

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 06:05 PM (IST)

    Why Not Gift God Idols अक्सर लोग शादी या गृह प्रवेश जैसे मौकों पर भगवान की मूर्तियां उपहार में देते हैं पर क्या यह उचित है? स्कंद पुराण के अनुसार अपात्र दान से बचना चाहिए यानी जो व्यक्ति मूर्ति की देखभाल न कर सके उसे यह नहीं देनी चाहिए। राधा-कृष्ण की मूर्ति नवविवाहितों को नहीं देनी चाहिए क्योंकि उनका विवाह नहीं हुआ था।

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    Why Not Gift God Idols: मूर्तियों का अनादर होने पर उसका पाप गिफ्ट करने वाले को भी लगता है।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर शादी, बर्थडे या गृह प्रवेश जैसे किसी मौके पर दोस्तों और रिश्तेदारों को उपहार देने की परंपरा है। इस दौरान कुछ लोग धार्मिक दृष्टि से गिफ्ट में भगवान की मूर्ति (why not gift god idols) या फोटो देते हैं। मगर, क्या ऐसा करना ठीक है। क्या गिफ्ट में ये चीजें किसी को भी दी जा सकती हैं। 

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    स्कंद पुराण, भगवत गीता सहित कई धर्म ग्रंथों में दान का महत्व बताया गया है। किसी को उपहार देना भी दान देने के बराबर ही माना जाता है। इसलिए किसी को भी उपहार देने से पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि आप वह किसे दे रहे हैं और क्या दे रहे हैं। 

    अपात्र को नहीं करना चाहिए दान 

    स्कंद पुराण में 'अपात्र दान' (gifting god statues dos and don’ts) की बात कही गई है। इसमें बताया गया है कि जो व्यक्ति आपके दिए उपहार के पात्र नहीं है या वह उसकी देखभाल नहीं कर सकता है या वह उसका कभी इस्तेमाल नहीं करेगा, तो ऐसी चीज उस व्यक्ति को नहीं देनी चाहिए। 

    भगवान की मूर्ति को हर किसी को उपहार के रूप में नहीं देना चाहिए। खासतौर पर यदि आपको पता है कि वह नास्तिक है या उसकी देखभाल ठीक से नहीं करेगा, तो उस व्यक्ति को यह मूर्तियां कभी नहीं देनी चाहिए। इससे आपको भी बराबर का पाप लगता है और जीवन में तकलीफें आ सकती हैं। 

    Image credit- freepik

    यदि मूर्ति दें तो कौन सी दें 

    यदि आप जानते हैं कि जिस व्यक्ति को आप उपहार में मूर्ति दे रहे हैं, वह इसके योग्य है (vastu rules for gifting deity idols), तो दूसरा सवाल यह है कि कौन सी मूर्ति देनी चाहिए। अक्सर लोग राधा-कृष्ण की मूर्ति नवविवाहित जोड़े को देते हैं क्योंकि उन्हें प्रेम का प्रतीक माना जाता है। 

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    मगर, राधा-कृष्ण के बीच इतना अधिक प्रेम होने के बावजूद दोनों कुछ ही समय तक साथ रह पाए थे। वो कभी भी विवाह के बंधन में नहीं बंध पाए थे। लिहाजा, नव विवाहित जोड़ों को कभी भी राधा-कृष्ण की मूर्ति नहीं देनी चाहिए। उन्हें आप शिव-पार्वती, विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति उपहार के तौर पर दे सकते हैं। 

    शिव और पार्वती को पुरुष और प्रकृति के बीच संतुलन के रूप में देखा जाता है। वो शुभता और समृद्धि के दाता हैं। इसी तरह से विष्णु और लक्ष्मी को सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन के लिए जरूरी माना जाता है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।