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    Tula Sankranti 2024: अक्टूबर महीने में कब मनाई जाएगी तुला संक्रांति? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 29 Sep 2024 01:57 PM (IST)

    सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति (Tula Sankranti 2024) मनाई जाती है। सूर्य देव के तुला राशि में गोचर करने की तिथि पर तुला संक्रांति मनाई जाएगी। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही जातक के पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।

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    Tula Sankranti 2024: तुला संक्रांति का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अक्टूबर का महीना बेहद खास रहने वाला है। इस महीने में शारदीय नवरात्र, करवा चौथ और धनतेरस समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इसके साथ ही अक्टूबर महीने में तुला संक्रांति मनाई जाएगी। इस तिथि पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके बाद विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से जातक को शारीरिक व्याधि से मुक्ति मिलती है। आइए, तुला संक्रांति (Tula Sankranti 2024) का सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    यह भी पढ़ें: अक्टूबर महीने में कब है करवा चौथ? नोट करें सही डेट और शुभ मुहूर्त

    सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2024)

    ज्योतिषीय गणना के अनुसार, वर्तमान समय में सूर्य देव कन्या राशि में विराजमान हैं। वहीं, 17 अक्टूबर को सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव 15 नवंबर तक विराजमान रहेंगे। इस दौरान सूर्य देव 23 अक्टूबर को स्वाति और 06 नवंबर को विशाखा नक्षत्र में गोचर करेंगे।

    तुला संक्रांति शुभ मुहूर्त (Tula Sankranti Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, 17 अक्टूबर के दिन पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 41 मिनट तक है। इसके साथ ही महा पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक है। साधक 17 अक्टूबर को अपनी सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर सूर्य देव की उपासना कर सकते हैं। इसके बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 46 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट से 06 बजकर 14 बजे तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।