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    Tula Sankranti 2024: कब है तुला संक्रांति? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

    यह पर्व सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की उपासना की जाती है। साथ ही पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा (Tula Sankranti 2024) करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 30 Aug 2024 06:10 PM (IST)
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    Tula Sankranti 2024:सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य देव की कृपा से जातक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। ज्योतिष भी करियर में मन मुताबिक सफलता पाने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव के तुला राशि में गोचर करने की तिथि पर तुला संक्रांति मनाई जाएगी। आइए, तुला संक्रांति तिथि का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2024)

    ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आत्मा के कारक सूर्य देव 17 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 42 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव 15 नवंबर तक रहेंगे। इसके अगले दिन 16 नवंबर को सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। इससे पूर्व सूर्य देव 23 अक्टूबर को स्वाति और 06 नवंबर को विशाखा नक्षत्र में गोचर करेंगे।

    तुला संक्रांति शुभ मुहूर्त (Tula Sankranti Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, तुला संक्रांति तिथि पर पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 41 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक है। साधक पुण्य काल के दौरान गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर पूजा, जप-तप और दान-पुण्य कर सकते हैं। तुला संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 3 घंटे और 23 मिनट का है।

    तुला संक्रांति शुभ योग (Tula Sankranti Shubh Yog)

    तुला संक्रांति पर हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर होगा। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 56 मिनट से हो रहा है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।