Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pradosh Vrat 2024: कब है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 20 Aug 2024 07:09 PM (IST)

    सनातन धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) का विशेष महत्व है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। शनिवार के दिन पड़ने के चलते यह शनि प्रदोष व्रत कहलाएगा। शनि प्रदोष व्रत करने से निसंतान दंपती को संतान की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर साधक श्रद्रा भाव से भगवान शिव संग शनिदेव की पूजा करते हैं।

    Hero Image
    Lord Shiv: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024:   प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से साधक के जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। अत: साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, भाद्रपद माह के पहले प्रदोष व्रत की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: दशकों बाद कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहे हैं द्वापरकालीन 4 शुभ संयोग, प्राप्त होगा दोगुना फल

    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त को देर रात 02 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और अगले यानी 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। अतः 31 अगस्त को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन प्रदोष काल यानी पूजा का समय संध्याकाल 06 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 59 मिनट तक है। इस दौरान साधक भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के पहले प्रदोष व्रत पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगा। इस दिन गर और वणिज करण का भी शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: प्रदोष व्रत पर जरूर करें इन मंत्रों का जप, जीवन की समस्या का होगा अंत

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।