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    Som Pradosh Vrat 2024: भाद्रपद माह में कब है सोम प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) कहलाएगा। यह पर्व हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। सोम प्रदोष व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 05 Sep 2024 09:37 PM (IST)
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    Ravi Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली।  प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन विधि-विधान से शिव-शक्ति की पूजा की जाती है। साथ ही सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत-उपवास रखा जाता है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। अतः त्रयोदशी तिथि पर साधक भक्ति भाव से जगत के नाथ भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat 2024) की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 सितंबर को संध्याकाल 06 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस शुभ तिथि का समापन 16 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर होगा। इस प्रकार रविवार 16 सितंबर को सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन साधक भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं।

    प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो सोम प्रदोष व्रत पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सोम प्रदोष व्रत पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी पर सवार होंगे।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 08 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 49 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।